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मंडी, 5 सितंबर : मंडी जिला का जंजैहली क्षेत्र जल्द ही इंटरनेशनल टूरिज्म मैप पर चमकेगा। क्षेत्र में ईको टूरिज्म के साथ साथ साहसिक और ग्रीन टूरिज्म के मेल से पर्यटन को नए पंख लगेंगे। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने खाका तैयार कर लिया और कोरोना की स्थिति सामान्य होने के साथ ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे । वन एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री राकेश पठानिया ने यह बात जंजैहली में विभिन्न ईको टूरिज्म साईट्स के निरीक्षण के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जंजैहली घाटी प्रदेश के सबसे खूबसूरत स्थलों में एक है। यहां पर्यटन की गतिविधियों को नया आयाम देने की सभी संभावनाएं हैं, पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इन संभावनाओं का पूरा उपयोग किया जाएगा।
इस मौके प्रधान मुख्य अरण्यपाल(पीसीसीएफ) हैड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स, डॉ. सविता के अलावा वन एवं युवा सेवाएं व खेल विभाग के अन्य आला अधिकारी भी मंत्री के साथ रहे। डॉ. सविता ने क्षेत्र में ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभाग की कार्ययोजना की विस्तृृत जानकारी दी।
इस दौरान राकेश पठानिया ने सिराज क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुरहाग के भराड़ी में बने प्रदेश के पहले मनरेगा पर्यटन पार्क का दौरा किया और मनरेगा पर्यटन के अनूठे कॉंसेप्ट को सराहा। इसके उपरांत उन्होंने भुलाह में 1.44 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले वण्य प्राणी चेतना केन्द्र स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने भुलाह में ग्रीन विलेज के लिए जगह चिन्हित करने को स्थल का अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि शिकारी देवी में भी ग्रीन विलेज के लिए स्थल चयन किया जा रहा है।