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उपायुक्त हेमराज बैरवा ने किन्नौर जिला के सांगला स्थित ट्राउट फार्म का किया दौरा। उन्होंने इस दौरान कहा कि किन्नौर जिला में ट्राउट मछली उत्पादन की अपार संभावना है तथा युवा इसे व्यवसाय के रूप में अपनाकर जहां स्वयं रोजगार पा सकतें हैं वहीं ओरों को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना के अंतर्गत 6 ट्राउट ईकाइयां स्वीकृत की गई हैं जिसके तहत तलाब निर्माण (रेस-वे) के लिए 60 प्रतिशत का उपदान दिया जा रहा है और इसके अलावा ट्राउट मछली के बीज व फीड के लिए भी 60 प्रतिशत का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार एक इकाई के लिए लगभग 3 लाख 30 हजार रुपये का उपदान देने का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में 1 लाभार्थी के लिए फिश कीओस्क भी स्वीकृत किया गया है। जिसके निर्माण पर 10 लाख रुपये खर्च होंगें तथा लाभार्थी को 60 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में 5 लाभार्थियों के लिए आईस-बाॅक्स सहित 5 मोटर साईकल स्वीकृत किए गए हैं। इन पर भी 60 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। जिले के रिब्बा गांव के लाभार्थी का 1 मिनी फिश फीड मील्स स्वीकृति हेतु निदेशालय को भेजा गया है। इसी प्रकार एक अन्य 10 टन क्षमता का आईस प्लांट भी स्वीकृति हेतु निदेशालय को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सांगला स्थित ट्राउट फिशरी फार्म के तलाब निर्माण व रेस-वे की मुरम्मत व अन्य कार्यों के लिए 37.89 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है तथा कार्य प्रगति पर है।
वरिष्ठ मतस्य अधिकारी ट्राउट फार्म सांगला राकेश कुमार ने इस दौरान बताया कि जिले में 19 किसान मतस्य गतिविधियों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि 1 टैंक (रेस-वे) में लगभग 5100 मछली के बीज डाले जातें हैं जिससे किसान लगभग 8 से 15 लाख रुपये प्रति वर्ष कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मतस्य विभाग द्वारा जिले के किसानों को मतस्य गतिविधियों से जोड़ने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लोग मतस्य गतिविधियों से जुड़ सकें।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने इस दौरान रोक्ती स्थित पाॅवर हाऊस का भी दौरा किया।
इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी रजनोल्ड राॅयस्टन , तहसीलदार सांगला जय चन्द, नायब तहसीलदार अनिल राणा व अन्य उपस्थित थे।
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