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एसजेवीएन लिमिटेड ने भारत सरकार के साथ वर्ष 2020-21 के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आज हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के सचिव (विद्युत), श्री एस. एन. सहाय तथा एसजेवीएन के अध्यहक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंद लाल शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हस्ताेक्षर किए।

समझौता ज्ञापन में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार एसजेवीएन द्वारा ”सर्वोत्त म” श्रेणी के तहत वर्ष के दौरान 9680 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन किया जाना है। इसके अलावा प्रचालनात्मसक कार्यकुशलता तथा परियोजना निगरानी से संबंधित अन्यय लक्ष्योंत के साथ एसजेवीएन के लिए सर्वोत्तहम श्रेणी के तहत 2880 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यबय (कैपेक्सय) तथा 2800 करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्यए रखा गया है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताहक्षर के समय एसजेवीएन से निदेशक (कार्मिक), श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (सिविल), श्री एस. पी. बंसल, निदेशक (वित्त), श्री ए.के.सिंह तथा निदेशक(विद्युत), सुशील शर्मा सहित अन्यि वरिष्ठ9 अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के दौरान श्री नंद लाल शर्मा ने सचिव (विद्युत) को अवगत कराया कि 2016 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ, एसजेवीएन ने अपने शेयरधारकों को गत वित्ती य वर्ष के 844.91 करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 864.56 करोड़ रुपए का लाभांश अदा किया है। उन्होंने आगे बताया कि एसजेवीएन ने 100 मेगावाट की धोलेरा सौर विद्युत परियोजना तथा 100 मेगावाट की राघनेसड़ा सौर विद्युत परियोजना गुजरात उर्जा निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) से क्रमश: 2.80/-रुपए प्रति यूनिट तथा 2.73 प्रति यूनिट की दर से प्राप्तो की है।

श्री नंद लाल शर्मा ने यह भी बताया कि एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल और भूटान में तेरह (13) जलविद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। इसके अलावा एसजेवीएन बिहार में 1320 मेगावाट की बक्सर ताप विद्युत परियोजना भी बना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एसजेवीएन भारत तथा पड़ोसी देशों में विद्युत परियोजनाओं की संभाव्यबता तलाश रहा है तथा एसजेवीएन नेपाल एवं अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ उनके क्षेत्रों में जलविद्युत क्षमता का दोहन करने के लिए भी बातचीत कर रहा है।

टीम एसजेवीएन में अपना यकीन जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि एसजेवीएन सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट तथा सन 2040 तक 25000 मेगावाट के लक्ष्य के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।