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ने कहा कि राज्य में कोविड मामलों में वृद्धि के दृष्टिगत प्रदेश सरकार सामाजिक समारोहों में कुछ पाबन्दियां लगाने पर विचार करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि लोग सभी आवश्यक एहतियाती उपाय करें। उन्होंने कहा कि होम क्वांरटीन में रह रहे कोविड पाॅजिटिव मामलों की नियमित रूप से निगरानी करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इनकी संख्या अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या से अधिक है।

उन्होंने नियमित रूप से उचित समय पर दवा लेने की जानकारी प्रदान करने के अलावा ऐसे रोगियों के बुखार और आॅक्सीजन के स्तर की जाँच नियमित रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन रोगियों को गर्म भोजन और पानी उपलब्ध करवाने पर बल दिया ताकि ठंड के कारण उनकी स्थिति और अधिक न बिगड़े।

जय राम ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को मरीजों को बेहतर महसूस कराने के लिए पीपीई किट पहन कर अस्पतालों में भर्ती अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए प्रेरित करने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों को प्रारंभिक अवस्था में प्रमुख अस्पतालों में भेजा जाना चाहिए ताकि वे शीघ्र स्वस्थ हो सकें और प्रदेश की कोविड मृत्यु दर कम हो सके। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार के सदस्यों को असुविधा न हो इसलिए कोविड रोगियों के शवों को जल्द सौंपने के प्रयास किए जाने चाहिए।

बैठक में प्रस्तुति के दौरान, उपायक्त ऋवेद ठाकुर ने बताया कि जिले में अब तक कोविड के लिए 47935 नमूने लिए जा चुके हैं और 5390 व्यक्ति पाॅजिटिव पाए गए हैं। जिले में 1178 सक्रिय मामले हैं और 4147 ठीक हो चुके हैं जबकि मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत है। जिले में, कोविड के 37 प्रतिशत मामले शहरी क्षेत्रों के हैं जबकि 62 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। जिले में अब तक कुल 66 मौतें हुई हैं, जिनमें सबसे अधिक मामले पंडोह ग्राम पंचायत में पाए गए हैं जहां 199 पाॅजिटिव मामले सामने आए हैं।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें यह बताया गया कि मेडिकल काॅलेज नेर चैक में पीसीआर परीक्षण किए जा रहे है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवेंद्र शर्मा ने कहा कि जिला स्तर के कोविड देखभाल केंद्रों और होम क्वांरटीन में रखे गए रोगियों को चिकित्सा किट प्रदान की जा रही है और उन्हें पोष्टिक आहार भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हंै।

लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल काॅलेज नेर चैक के प्रधानाचार्य आर.सी. ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि अस्पताल में गंभीर कोविड-19 रोगियों के लिए 118 समर्पित बिस्तरों की सुविधा है और कोविड रोगियों के लिए डायलिसिस सुविधा भी आरम्भ की गई है, जिससे 70 प्रतिशत से अधिक रोगियों की जान बचाने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि अस्पताल नियमित रूप से ई-ओपीडी सेवा के अलावा चैबीस घंटे आपातकालीन सेवा भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों के समुचित उपचार को सुनिश्चित करने के लिए डाॅक्टरों और अन्य स्टाफ सदस्यों की संख्या को बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 25 नवम्बर से 27 नवम्बर, 2020 तक शुरू किए जा रहे हिम सुरक्षा अभियान के तहत सक्रिय मामलों की खोज के लिए स्वास्थ्य विभाग के दल द्वारा जिला मंडी की समस्त 11 लाख जनसंख्या का चिकित्सा इतिहास पता किया जाएगा ताकि यह जानकारी जुटाई जा सके कि उनमें से कितने व्यक्ति तपेदिक, उच्च रक्तचाप, कोविड, कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न रोगों के लिए बुजुर्ग लोगों की विशेष जांच की जाएगी।

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, विधायक प्रकाश राणा, जिले के उप-मण्डलाधिकारी और स्वास्थ्य व पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।