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मंडी, 22 अगस्त। नेरचौक प्लानिंग एरिया से रत्ती, नागचला, टांवां और स्यांह मोहाल को बाहर कर दिया गया है। इस बारे हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना अधिनियम 1977 की धारा 13 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस बारे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने अधिसूचना जारी कर दी है। यह जानकारी देवेश कुमार प्रधान सचिव नगर एवं ग्राम योजना हिमाचल प्रदेश सरकार ने दी। नेरचौक प्लानिंग एरिया में अब केवल भंगरोटू, नेर, ढांगू, डडौर, मझेठल, और जरलू मोहाल होंगे। वहीं नेरचौक प्लानिंग एरिया से निकाले गए रत्ती, नागचला, टावंा और स्यांह और अन्य 15 मोहालों पैड़ी, मलथेहड़, बुशैहर, ट्रोह, कसारला, धरवाहण, ग्रोडू, माडल, चंडयाल, सिंहन, छातडू़, अरठीं, स्योली, डीपीएफ डयोढा, कुम्मी को मिलाकर रत्ती-नागचला विशेष क्षेत्र का गठन किया गया है।
राज्यपाल के आदेशानुसार राजस्व मोहालों रत्ती, नागचला, टांवा और स्यांह में पहले से बने भवनों की कानूनी स्थिति वही बनी रहेगी क्योंकि ये क्षेत्र पहले से ही हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना के दायरे में थे और भूमि उपयोग में परिवर्तन पहले से ही प्रतिबंधित है। इसके अतिरिक्त रत्ती नागचला विशेष क्षेत्र में शामिल किए गए राजस्व मोहालों में वर्तमान भूमि उपयोग के परिवर्तन पर इस अधिसूचना के प्रकाश की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए रोक लगा दी गई है।
अधिसूचना जारी होने के उपरांत नेरचौक प्लानिंग एरिया की सीमाओं को पुनः परिभाषित किया है। नेरचौक योजना क्षेत्र सीमा उत्तर में मोहाल भंगरोटू की पश्चिमी सीमा से आरम्भ होकर मोहाल मझेठल की बाहरी सीमा के साथ-साथ आगे बढ़ते हुए मोहाल जरलू की पूर्वी सीमा तक होगी। पूर्व में मोहला जरलू की उत्तरी सीमा के साथ बढते हुए डडौर की दक्षिणी सीमा तक, दक्षिण में डडौर की पूर्वी सीमा से आरम्भ होकर नेर होते हुए ढांगू की पश्चिमी सीमा तक और दक्षिण में मोहाल ढांगू की दक्षिणी सीमा से आरम्भ होकर नेर की बाहरी सीमा से होते हुए मोहाल भंगरोटू की उत्तरी सीमा तक है।
अधिसूचना जारी होने के उपरांत गुटकर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण में निहित निधियों की 60 प्रतिशत आय अब रत्ती-नागचला विशेष क्षेत्र प्राधिकरण में निहित होगी।