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स्कूल ऑफ मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शूलिनी विश्वविद्यालय द्वारा शूलिनी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और ड्राइवरों के लिए वाहनों के रखरखाव पर 5 दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हुआ।
कार्यशाला का उद्देश्य वाहन चालकों के प्रशिक्षण मानकों को लगातार प्रशिक्षित करना और उनका आकलन करना और यह सुनिश्चित करना कि वे वाहन की विभिन्न प्रणालियों और उनके कामकाज को अच्छी तरह से समझते हैं। नियमित रखरखाव कार्यक्रम को बनाए रखने से महंगी मरम्मत को रोकने और वाहन के जीवन काल को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

कार्यशाला का संचालन स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड सिविल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिलाष पठानिया द्वारा किया गया। ड्राइवरों को वाहनों की विभिन्न प्रणालियों, जैसे स्टीयरिंग, ब्रेकिंग, ट्रांसमिशन और सस्पेंशन सिस्टम, इंजन के काम करने, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम और भी कई तरह की बारीकियों को समझाया गया।

ब्रिगेडियर नीरज पराशर इंजीनियरिंग संकाय के डीन ने कहा कि शूलिनी विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए समर्पित है और भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

डॉ. अभिलाष पठानिया ने साझा किया कि ड्राइवरों के साथ वाहन की अद्यतन तकनीकों और ज्ञान को साझा करना हमारी जिम्मेदारी है।