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शूलिनी विश्वविद्यालय के योगानंद सेंटर फॉर थियोलॉजी (वाईसीटी) ने मंगलवार को “धर्म का सच्चा उद्देश्य” विषय पर अपना 7वां वेबिनार आयोजित किया।

सोलन, 29 सितम्बर
शूलिनी विश्वविद्यालय के योगानंद सेंटर फॉर थियोलॉजी (वाईसीटी) ने मंगलवार को “धर्म का सच्चा उद्देश्य” विषय पर अपना 7वां वेबिनार आयोजित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत वाईसीटी के अध्यक्ष श्री विवेक अत्रे के परिचय के साथ हुई, जिसके बाद शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अतुल खोसला द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष स्वामी समरानंद गिरि जी कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे।
उन्होंने धर्म के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की। हम में से प्रत्येक का अंतिम लक्ष्य दर्द, गरीबी और कष्टों से बचना और स्थायी आनंद प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं, आनंद ही हमारा अंतिम लक्ष्य है।
स्वामी ने चार सामान्य धार्मिक विधियों की व्याख्या की – बौद्धिक पद्धति, भक्ति पद्धति, ध्यान पद्धति और वैज्ञानिक पद्धति। उन्होंने युवाओं को प्रतिदिन ध्यान करने का सुझाव दिया जिससे उन्हें अपनी एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलेगी और वे एक आदर्श इंसान बनेंगे।

धार्मिक संघर्षों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि “धर्मों के बीच संघर्ष धर्म और धर्म के अनुयायियों के बीच का संघर्ष नहीं है”। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. प्रेरणा भारद्वाज और उनकी टीम ने किया।