सोलन, 10 सितम्बर
शूलिनी विश्वविद्यालय ने कर्मचारियों और गैर-शैक्षिक स्टाफ सदस्यों के बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करके अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया।
डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर पूनम नंदा के मार्गदर्शन में क्लब “शूलिनियंस फॉर यू” द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चांसलर प्रो. पीके खोसला मुख्य अतिथि थे।कार्यक्रम में भाषण, कला और शिल्प और प्रतिभा प्रतियोगिता सहित तीन अलग-अलग प्रकार की प्रतियोगिताएं शामिल थीं।कर्नल टीपीएस गिल, निदेशक, योगानंद नॉलेज सेंटर और श्री कृष्णा आयुष, शिक्षण सहायक प्रतियोगिता के निर्णायक थे।
प्रो. खोसला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “साक्षरता बुनियादी मानव अधिकार है और हम सभी को उच्च शिक्षा का लक्ष्य रखना चाहिए तथा राष्ट्र और विश्व के विकास में योगदान देना चाहिए। कोई सही और गलत के बीच तभी अंतर कर सकता है जब कोई दो पक्षों को जानता हो, और साक्षरता हमें जीवन के विभिन्न मापदंडों को समझने की क्षमता देती है।
उल्लेखनीय है कि शूलिनी विश्वविद्यालय ने गैर-शैक्षिक शूलिनी कर्मचारियों और आसपास के गांवों के बच्चों को शिक्षा संबंधी मदद देने के लिए “परिवर्तन” पहल शुरू की थी जिसमें शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्र और संकाय सदस्य स्वयंसेवा करते हैं और ज्ञान प्रदान करने के लिए बच्चों का मार्गदर्शन करते थे।महामारी के कारण, इस पहल को रोक दिया गया था, लेकिन अब जब सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है तो छात्रों ने विश्वविद्यालय से आग्रह किया है की वो फिर से इस उदारक कार्य को शुरू करें। परिवर्तन अवनी खोसला, उपाध्यक्ष, शूलिनी विश्वविद्यालय के दिमाग की उपज और कर्नल टीपीएस गिल और श्रीमती नंदा द्वारा समर्थित थी।