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अतिरिक्त उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज यहां बचत भवन में जिला पर्यावरण योजना तथा ठोस कचरा प्रबंधन की बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने जिला के अधिकारियों से डोर टू डोर कचरा एकत्रीकरण, ठोस एवं तरल कचरा को अलग करना और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना और कचरा प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालने को कहा।
उन्होंने प्लास्टिक एवं पाॅलिथिन की दुष्प्रभावों पर गहनता से विचार-विमर्श किया और अधिकारियों से इस संदर्भ में सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने नगर पंचायत एवं नगर निगम के अधिकारियों से औचक निरीक्षण पर बल दिया, जिससे कूड़ा-कर्कट एवं डम्पिंग की समस्या से लोगों को निजात मिल सके और चालान होने से समाज में सकारात्मक संदेश दिया जा सके।
उन्होंने सरकारी एवं निजी अस्पतालों से बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने पर बल दिया, जिससे लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो तथा प्रदूषण नियमों का सख्ती से पालन सम्भव हो सके।
अपूर्व देवगन ने युवा पीढ़ी में बढ़ते कम्प्यूटर के चलन से ई-कचरा के प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने को कहा ताकि युवा पीढ़ी को स्वच्छता का संदेश दिया जा सके तथा पर्यावरण के प्रति उन्हें संवेदनशील बनाया जा सके।
अतिरिक्त उपायुक्त ने शहर एवं ग्रामीण स्तर पर स्वच्छ पेयजल स्त्रोतों पर विशेष बल देने को कहा और वाटर शेड प्रबंधन के तहत जल संग्रहण, चैक डेम व पानी की गुणवत्ता की जांच में सामुदायिक सहभागिता पर बल दिया। उन्होंने पंचायत जन प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्रों में पौधारोपण पर विशेष महत्व दें, ताकि वायु प्रदूषण से लोगों को प्रदूषणमुक्त बनाया जा सके।
इस अवसर पर सदस्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ललित ठाकुर, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण संजय भगवती, नगर पंचायतों के कार्यकारी अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
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