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शिमला, 15 फरवरी
अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह द्वारा आज बचत भवन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग, लेबलिंग, विपणन के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की तथा जिला में आए सभी स्वयं सहायता समूहों से गहनता से विचार-विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में विपणन संबंधी समस्याओं पर स्वयं सहायता समूह के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने जिले से आए स्वयं सहायता समूह के साथ भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण तथा पंजीकरण संबंधित समस्याओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया तथा विभाग के अधिकारियों को इस नियम के तहत पंजीकरण से संबंधित दिशा-निर्देश दिए, जिससे स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की अन्य राज्य में भी अपनी पहचान बनाने का मौका मिले और उपभोक्ताओं में गुणवत्ता की कसौटी में जिला के स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद खरे उतरे।
इस दौरान जिला से आए स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्वयं से तैयार किए गए उत्पादों से भी अतिरिक्त उपायुक्त को अवगत करवाया गया तथा आर्थिक उन्नति में उनके सहयोग की अपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि जिला में खण्ड तथा पंचायत स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रशिक्षित अधिकारियों द्वारा स्वयं सहायता समूहों को जानकारी प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर उप-निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण संजय भगवती द्वारा जिले में चल रहे स्वयं सहायता समूहों को अपनी आजीविका में वृद्धि करने के लिए विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
इस दौरान जिला से आए स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग, लेबलिंग, विपणन के संदर्भ में आ रही समस्याओं से अवगत करवाया तथा उन्होंने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से सहयोग का अनुरोध किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला कार्यक्रम प्रबंधक रूचि ठाकुर भी उपस्थित थी।
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