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अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर बोले एडीसी…दिव्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग, सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने को मिलकर प्रयास करें विभाग

मंडी, 3 दिसंबर। दिव्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं। सरकार ने उनके कल्याण के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई हैं। सभी विभाग मिलकर यह प्रयास करें कि इन सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ दिव्यांगजनों तक पहुंचे । यह बात अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंडी द्वारा बिपाशा सदन में आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में कही।
उन्होंने आग्रह किया कि दिव्यांगजनों के समान अधिकार व सम्मान के लिए सभी मिलकर काम करें। जरूरी है कि समाज की मुख्यधारा से जोड़ कर उनकी प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल हो।
इन्होंने लिया भाग
कार्यषाला में उप-मंडलाधिकारी (नागरिक) मंडी रितिका जिंदल (आई.ए.एस.) भी उपस्थित रहीं। वहीं मंडी जिला के समस्त कार्यालय अध्यक्षों, दिव्यांगों के कल्याण के लिए काम कर रही गैर-सरकारी संस्थाओं दृष्टिबाधित दिव्यांग संघ, सहयोग संस्था, बाल श्रवण विकलांग कल्याण समिति मंडी, साकार सोसायटी, हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था व हिमाचल-प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विशेष योग्यता वाले बच्चों के संस्थान सुंदरनगर के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न दिव्यांगजनों तथा दिव्यांग बच्चों ने भाग लिया ।
दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 की दी जानकारी
जिला कल्याण अधिकारी मंडी आर.सी.बंसल ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए विभागीय योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 के बारे भी विस्तृत जानकारी प्रदान की ।
इन्हें किया सम्मानित
कार्यशाला में दिव्यांगजनों हेतु कार्यरत विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित सरकारी कर्मचारी मदन ठाकुर, जो नगर निगम मंडी कार्यालय में कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत हैं, को  उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए शॉल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया गया। पैरालंपिक खेलों में फुटबॉल प्रतियोगिता प्रतिभागी सरकाघाट के कुनालग गांव के राहुल को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विभाग द्वारा विशेष योग्यता वाले बच्चों के लिए आयोजित पेंटिंग, नारा लेखन, गायन प्रतियोगिता, रस्सी कूदना, 100 मीटर दौड़ व बड़ी छलांग प्रतियोगिताओं में प्रथम,  द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल करने वाले बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यशाला में दिव्यांग बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समा बांधा।