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अब माता-पिता को पता चलेगा, कितना स्वस्थ है उनका बच्चा जिला में 8 से 14 जनवरी तक होगा स्वस्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन 0 से 6 साल तक के बच्चों के कद व भार की होगी मैपिंग बच्चों में पोषण के स्तर में सुधार लाना कार्यक्रम का उद्देष्य: राजकुमारी

अब माता-पिता को पता चलेगा, कितना स्वस्थ है उनका बच्चा
जिला में 8 से 14 जनवरी तक होगा स्वस्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन
0 से 6 साल तक के बच्चों के कद व भार की होगी मैपिंग
बच्चों में पोषण के स्तर में सुधार लाना कार्यक्रम का उद्देष्य: राजकुमारी
पूर्ण स्वस्थ्य बच्चे को प्राप्त होगा प्रमाण पत्र
– जिला के बच्चों की आयु बृद्धि निगरानी एवं पोषण के स्तर को जानने के लिए 8 से 14 जनवरी तक स्वस्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी कुल्लू राजकुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुपोषित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण के प्रति संवेदनषीलता तथा जागरूकता बढ़ाने को कुल्लू जिला में स्वस्थ्य बाल-बालिका स्पर्धा अभियान 8 जनवरी से शुरू होने जा है जोकि 14 जनवरी तक चलेगा। जिसमें पोषण अभियान के तहत जागरूकता लाने के साथ जन भागीदारी और पोषण के स्तर में सुधार लाने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर भी जोर दिया जाएगा। इस प्रतिस्पर्धा के माध्यम से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा। जिसके आधार पर उनमें सुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने कहा कि इस स्पर्धा में स्वस्थ्य बच्चे की पहचान करके बच्चे को सम्मानित करते हुए आनलाईन प्रमाण पत्र भी जारी होगा। इस स्पर्धा का संचालन व विजेताओं का चयन पोषण ट्रेकर ऐप के माध्यम से किया जाएगा। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पोषण अभियान के कर्मचारी, पर्यावेक्षक तथा अन्य एन.जी.ओ. एवं एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। इस स्पर्धा से प्राप्त डाटा स्टंटिंग, वेस्टड और कम वजन के बच्चों को चिन्हित करेगा। उन्होंने कहा कि इस स्पर्धा में 6 वर्ष तक के बच्चों के परिजन मूल्यांकन में भाग ले सकते हैं। जिला कार्यक्रम ने कहा कि कोविड-19 सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए स्पर्धा का आयोजन आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायतों, स्कूलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा अन्य सुविधाजन स्थानों में पर भी किया जा सकता है। जहां बच्चों को कद व भार मापा जाएगा। वहीं नवजात या बीमार बच्चों की आयु वृद्धि निगरानी के लिए आवष्यकता पड़ने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर द्वार जाकर बच्चे की मैपिंग करेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमारी ने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देष जारी करते हुए कहा कि इस स्पर्धा को प्रभावषाली ढंग से सफल बनाने हेतु यह सुनिष्चित करें के कोई भी बच्चा चाहे वो आंगनवाड़ी में दर्ज हो या न हो इस स्पर्धा से छूटना नहीं चाहिए।