राजस्व, बागवानी एवम जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने अमरीकी सेब पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत करने के निर्णय का खण्डन करते हुए कहा की अमेरिकी सेब के आयात शुल्क घटाने से हिमाचल प्रदेश के बागवानों को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार द्वारा जी-20 सम्मिट के दौरान अमरीकी सेब के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया, जिस पर केंद्र सरकार को पुनः विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा की केंद्र सरकार द्वारा पहले सेब आयात शुल्क को 75 प्रतिशत से कम कर 50 प्रतिशत किया गया और अब 15 प्रतिशत किया जा रहा है, जो हिमाचल प्रदेश व अन्य क्षेत्रों के बागवानों की आर्थिकी के लिए नुकसानदायक है।
बागवानी मंत्री ने कहा की केंद्र सरकार के इस निर्णय से देश की मंडियां विदेशी सेब से भर जायेगी और राज्य के बागवानों की आर्थिकी को क्षति पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य सेब उत्पादक राज्य के बागवानों के लिए अपने निर्णय पर पुनः विचार करना चाहिए।
राजस्व मंत्री ने कहा कि निगुलसरी में बाधित हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है तथा इसकी बहाली के कार्य में जुटे जवान दिन-रात बहाली का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला के बागवानों की सेब की फसल को नुकसान न हो इसके लिए निगुलसरी में रज्जू-मार्ग लगाया गया जिसके माध्यम से जिला के किसानों व बागवानों की सेब व मटर की फसलों को मंडियो तक पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के बाधित होने से जिला अन्य जिलों से कट चुका है तथा आवश्यक खाद्य वस्तुओं व पेट्रोल डीजल की आपूर्ति वाया काजा-किन्नौर मार्ग तथा ढुलाई के माध्यम से करवाई जा रही है।