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अटल शिक्षा कुञ्ज, कालूझंडा स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस दिन 1999 में, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों को कारगिल में भारतीय क्षेत्रों से सफलतापूर्वक खदेड़ दिया था। इस अवसर पर शिक्षकों ने कारगिल विजय दिवस से सम्बंधित विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किये और अन्य प्रस्तुतियां भी दी।

आईईसी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो० (डॉ०) जितेंद्र सिंह ने कारगिल युद्ध नायकों के जज्बे और हौसले को सलाम करते हुए उनके पराक्रम से सीख लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के 527 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई। कारगिल विजय दिवस न केवल भारत की जीत की शुरुआत करता है, बल्कि उन शहीद नायकों को भी श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने देश के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ‘ऑपरेशन विजय’ को सफल बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

आईईसी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव विनोद कुमार जी ने कहा कि कारगिल युद्ध हमारे सुरक्षा बलों की वीरता और अनुशासन का प्रतीक है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। इस कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रख कर ‘ऑपरेशन विजय’ के अमर शहीदों को याद किया गया। इस पुरे कार्यक्रम में सोशल डिस्टन्सिंग के सभी नियमों का पालन किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में आईईसी यूनिवर्सिटी की एनसीसी इकाई का भी सराहनीय योगदान रहा।

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