Mon. Apr 29th, 2024

आईईसी यूनिवर्सिटी में औषधि विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास विषय पर भव्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

अटल शिक्षा कुञ्ज, कालूझंडा स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग द्वारा ‘औषधि विज्ञान में अनुसंधान एवं विकास’ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन  का भव्य आयोजन किया गया जिसमें कुल 203 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। 6 तकनीकी सत्रों में आयोजित इस  सम्मेलन  में प्रतिभागिओं और शोधकर्ताओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही विकल्प उपलब्ध थे।

इस विशेष अवसर पर हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक जी एसएम, वीएसएम (सेवानिवृत्त) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाने के लिए इस तरह के सम्मेलनों की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि हिमाचल में जैव विविधता, औषधि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं, जिस पर छात्रों और शोधकर्ताओं को और अधिक अध्ययन करना चाहिए। इस अवसर पर श्रीमती सिमी कौशिक जी और शिव कौशिक विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

सम्मेलन के पहले दिन फार्मास्युटिकल साइंसेज संस्थान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा के निदेशक, प्रोफेसर (डॉ०) ए० सी० राणा, उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, वहीं दूसरे दिन कैरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, हमीरपुर के वाइस चांसलर प्रो० (डॉ०) करतार सिंह वर्मा ने तकनीकी सत्र के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और निदेशक, प्रोफेसर (डॉ०) शैलेंद्र सराफ ने समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

मौखिक प्रस्तुति प्रतियोगिता में गौरव शर्मा, कीर्ति गोयल, डॉ० इकमीत कौर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि दविंदर कुमार, रशीता मक्कड़, गीतांजलि सैनी को मौखिक प्रस्तुति में विशेष प्रशंसा पुरस्कार मिला। पोस्टर प्रस्तुति में अशोक कुमार, हरवीन कौर, रितेश कुमार ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया वहीं ध्रुव को पोस्टर प्रस्तुतियों में विशेष प्रशंसा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

आईईसी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो० (डॉ०) जितेंद्र सिंह ने शिक्षाविदों और फार्मा उद्योग के विशेषज्ञों को अपने ज्ञान व अनुभवों को साझा करने पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन  में कई नई शोध संभावनाएं पैदा हुई हैं जो छात्रों और प्रतिभागियों को विभिन्न शोध क्षेत्रों में विशिष्ट काम करने में सहायक होँगी। उन्होंने प्रतिभागियों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के लोगों की सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेता प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सदस्यों को इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

इस सम्मेलन में प्रो० अनुपम शर्मा (सेवानिवृत्त) पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, प्रो० हरीश दुरेजा, एमडीयू रोहतक, प्रो० जीडी गुप्ता, आईएसएफ कॉलेज पंजाब, प्रो० विवेक कुमार गुप्ता, ड्रीम्स कॉलेज ऑफ फार्मेसी, मंडी, डॉ० कामरान जमान, साइंटिस्ट-ई आईसीएमआर – आरएमआरसी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, डॉ० गोमा बाली बजाज, कोलकाता, श्रीमती सुनीता शर्मा, सीनियर फार्मेसी ऑफिसर, चंडीगढ़, प्रो० संदीप अरोड़ा, चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब, प्रो० प्रबोध चंद्र शर्मा, डीपीएसआरयू, नई दिल्ली, डॉ० विमल अरोड़ा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय पंजाब, डॉ० प्रियंका चनाना, निदेशक, सॉल्वो बायोटेक्नोलॉजी विलमिंगटन, डॉ० सुरेश कुमार, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, प्रो० अफरोज आलम, बिहार, प्रो० नरेश कलादा राजस्थान, डॉ० रणदीप सिंह दहिया, एमएमयू, अंबाला, श्री दीप नारायण शर्मा, प्रबंध निदेशक, बायोजेंटा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, श्री एसके राव, रेस्क्यूर्स लाइफसाइंसेज लिमिटेड, श्री सुजीत दाना उपाध्यक्ष- आर एंड डी, इनोवा कैपटैब लिमिटेड, श्री इंद्रेश प्रताप सिंह एचओडी-पीएमटी, वीनस रेमेडीज़, श्री गौरव शर्मा, प्लांट हेड, बायो सेफ मेडिकल इंडिया, डॉ० पूजा अरोड़ा, ग्लोबल रीसर्च इंस्टीट्यूट, रादौर, हरियाणा, डॉ० गिरीश कुमार गुप्ता, श्री साईं कॉलेज ऑफ फार्मेसी, पठानकोट, डॉ० सुखबीर सिंह चितकारा विश्वविद्यालय, पंजाब, डॉ० गुरफतेह सिंह रयात-वहारा विश्वविद्यालय, पंजाब, डॉ० अश्विनी कुमार पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ आदि ने मुख्य रूप से भाग लिया।

यह अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग, बायोजेनटा ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज़ – ऊना, इनोवा कैपटेब लिमिटेड – बद्दी और बायोसेफ मेडिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड – रांची, के सहयोग और मार्गदर्शन से आयोजित किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक समुदाय को विभिन्न प्रासंगिक वैज्ञानिक विषयों से संबंधित पहलुओं और दवा में अनुसंधान के वर्तमान चलन पर चर्चा करने के लिए एक