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बद्दी। जिला सोलन के अटल शिक्षा कुंज स्थित आईईसी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय फिजियोथेरेपी दिवस का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारीगण, फिजियोथेरेपी विभाग के शिक्षक, अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे। इस अवसर पर विभाग के बच्चों ने फिजियोथैरेपी विषय के महत्व और वर्तमान समय में बढ़ती मांग के बारे में बताया। वहीं, कार्यक्रम में विभाग के बच्चों ने स्किट, नाटी, भांगड़ा, गायन, भाषण आदि की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ की गई। कार्यक्रम में नालागढ़ सिविल अस्पताल में सेवारत सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. पुनीत सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। डॉ. पुनीत सिंह ने बताया कि इस वर्ष विश्व फिजियोथैरेपी दिवस का थीम “अर्थराइटिस” है। इसमें अर्थराइटिस के विभिन्न प्रकार और उनके प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके पश्चात फिजियोथेरेपी विभाग के छात्र-छात्राओं ने नाटी और भांगड़ा की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान विद्यार्थियों ने स्किट प्रस्तुत करके फिजियोथैरेपी का महत्व बताया।

विश्व फिजियोथैरेपी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक पुरी ने अपने संदेश में कहा कि बदली जीवन शैली के कारण अर्थराइटिस सहित अन्य समस्याओं से बचाव के लिए फिजियोथेरेपी सहायक सिद्ध हो रही है। फिजियोथेरेपी विषय के बारे में सही जानकारी होने पर हम इन बीमारियों से निजात पा सकते हैं।