Sun. Sep 22nd, 2024

मंडी, 6 जून। हिमाचल प्रदेश के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त नरेंद्र चौहान ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई एक्ट) 2005 आम नागरिकों के सशक्तिकरण को समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र की प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, जवाबदेही तय करना और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है।
नरेंद्र चौहान आज (सोमवार) यहां सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर जनसूचना एवं सहायक जनसूचना अधिकारियों के ज्ञानवर्धन के लिए आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। कार्यशाला में हिमाचल के पूर्व मुख्य सचिव वीसी फारका एवं वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी शर्मा भी विशेष रूप से मौजूद रहे।
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने विभिन्न मामलों में अलग अलग न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों को ध्यान में रखते हुए आरटीआई अधिनियिम को लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने इस दौरान उपस्थित अधिकारियों की विभिन्न जिज्ञासाओं, शंकाओं का समाधान किया और आरटीआई अधिनियम से जुड़े विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने पर बल देते हुए अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
अनावश्यक गोपनीयता की प्रवृति से बचें
नरेंद्र चौहान ने जनसूचना एवं सहायक जनसूचना अधिकारियों से अनावश्यक गोपनीयता की प्रवृति से बचने को कहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों को उन सभी निर्णयों की जानकारी होनी चाहिए जिनसे उनका जीवन प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं को आरटीआई आवेदक के स्थान पर रखकर व्यवहार करें।
वहीं, पूर्व मुख्य सचिव वीसी फारका ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं जरूरी हैं ताकि आरटीआई एक्ट के सही तरीके से कार्यान्वयन को लेकर जनसूचना एवं सहायक जनसूचना अधिकारियों की जागरूकता एवं ज्ञान में बढ़ोतरी हो। उन्होंने कार्यालयों में कार्यालय मैन्यूल के अनुरूप रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे आरटीआई में सूचना देने में कठिनाई नहीं हागी।
कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी शर्मा ने आरटीआई एक्ट की आम जनता के साथ साथ मीडिया के लिए उपयोगिता पर प्रकाश डाला।  उन्होंने कहा कि ये एक्ट आम जनों की मजबूती का एक ताकतवर हथियार है।
अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए आरटीआई अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के प्रति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई।
कार्यशाला में अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी अश्विनी कुुुमार, एसडीएम सदर रितिका जिंदल सहित विभिन्न विभागों के जनसूचना एवं सहायक जनसूचना अधिकारी उपस्थित रहे।