Fri. Apr 26th, 2024

जिला आयुर्वेद विभाग सोलन द्वारा ‘आयुष द्वारा एनीमिया रोकथाम’ जागरूकता अभियान का द्वितीय चरण आज से आरम्भ हुआ। अभियान के तहत धर्मपुर विकास खंड की 37 ग्राम पंचायतों में जागरूकता शिविर आयोजित कर एनीमिया के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। यह जानकारी जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. राजेन्द्र शर्मा ने आज यहां दी।
उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण के तहत 06 अक्तूबर से 16 अक्तूबर 2020 तक धर्मपुर की विभिन्न ग्राम पंचायतों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे।
इसी कड़ी में आज ग्राम पंचायत जाडला, आंजी मातला, नालका तथा चामियां में एनीमिया तथा कोविड-19 के बारे में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए।
उन्होंने कहा कि इन ग्राम पंचायतों में आयोजित शिविरों में 224 रोगियों की एनीमिया जांच की गई। ग्राम पंचायत जाडला में 72, ग्राम पंचायत चामियां में 62, ग्राम पंचायत आंजी मातला में 33 तथा ग्राम पंचायत नालका में 57 रोगियों की स्वास्थ्य जांच की गई।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच में जिन रोगियों का हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य से कम पाया गया उन्हें पूरी जांच तथा आवश्यक दवाओं के लिए परामर्श दिया गया।
डाॅ. राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि इन शिविरों में लोगों को बताया गया कि शरीर में रक्त की कमी के कारण एनीमिया होता है। इस रोग में शरीर के रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। महिलाओं में एनीमिया की शिकायत ज्यादा पाई जाती है।
उन्होंने कहा कि शिविर में लोगों को एनीमिया के लक्षण बताए गए। थकावट, कमजोरी, सुस्ती, शिथिलता, घबराहट, सिरदर्द, चक्कर आना, धड़कन व सांस चढ़ना, भूख की कमी, नींद की कमी, छाती व पेट में दर्द, कानों में आवाज सुनाई देना, तेज सुनाई देना, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, जीभ या मुंह पकना अथवा छाले पड़ना, नाखूनों में सफेदी, पतलापन, सूखापन व रूखापन, त्वचा में सफेदी या पीलापन, आंखों के चारों ओर सूजन, पैरों में सूजन, पैरों का सुन्न होना, पिण्डलियों में दर्द व ऐंठन, मिट्टी, कोयला, लकड़ी आदि खाने का मन करना एनीमिया के लक्षण हैं।
शिविरों में लोगों को संतुलित आहार लेने के बारे में भी जानकारी दी गई। लोगों को आयरन, कैल्शियम, विटामिन, कार्बोहाईड्रेट तथा फाइबर युक्त आहार लेने का परामर्श दिया गया।
शिविरों में कोविड-19 से सुरक्षा के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि लोगों को सोशल डिस्टेन्सिग, मास्क पहनने तथा 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने या सेनिटाइजर के उपयोग करने के बारे में बताया गया। लोगों को बताया गया कि कोई भी संक्रमण या बीमारी तभी प्रभावित करती है जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताए गए।
इस अवसर पर रोगियों को एनीमिया की दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गईं।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. मंजेश शर्मा, डाॅ. प्रियंका सूद, डाॅ. कामिनी, डाॅ. रक्षा तथा आयुर्वेद विभाग के अन्य कर्मचारी एवं स्थानीय निवासी इस अवसर पर थे।