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शिमला, 10 अक्तूबर
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थापित पेन एण्ड पैलीएटिव इकाई को और विकसित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी ताकि रोगियों के अंतिम समय में परामर्श व अन्य सहयोग प्रदान कर उनके दुख और दर्द को कम करने में सक्षम हो सके। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने आज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान शिमला में विश्व हाॅस्पि एवं पैलिएटिव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा विज्ञान के साथ-साथ चिकित्सा क्षेत्र में नई विद्या देश में विकसित हो रही है, जिस पर आज सार्थक चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस इकाई का गठन इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में अभी हाल ही में हुआ है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इस इकाई को और अधिक विकसित किया जाएगा ताकि यह पूर्ण विकसित विभाग के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर सके।
उन्होंने बताया कि कई रोगों मंे रोगी की अवस्था ऐसी आ जाती है जब किसी भी चिकित्सा से लाभ नहीं मिलता और रोगी के अंतिम क्षण दुख और दर्द भरे होते हैं तब इस विद्या के माध्यम से रोगी के दुख-दर्द को कम करने तथा चिकित्सा दृष्टि से रोगी को मानसिक सहारा प्रदान कर परिवार वालों के परामर्श से विभिन्न दवाइयों और प्रयोगों के माध्यम से रोगी का उपचार किया जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों ने विभाग के विस्तार के लिए विभिन्न सुझाव एवं मांगे प्रस्तुत की।
डॉ. सैजल ने कहा कि विभिन्न मांगों व सुझावों पर जल्द अमलीजामा पहनाया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य आईजीएमसी डॉ. रजनीश पठानिया, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज, डॉ. राकेश शर्मा (नेशनल फाउंडर चेयर पर्सन ऑफ पेन एंड पिलीएटिव) तथा डॉ. विनय सौम्या भी उपस्थित थे।