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शिमला, 09 सितम्बरः
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने जिला में 10 सितम्बर, 2020 से धार्मिक एवं पूजा स्थलों को खोलने की अनुमति के तहत कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न मानकों की अनुपालना के लिए आज जिला के समस्त उपमण्डलाधिकारियों से आॅडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी उपमण्डलाधिकारी अपने अधीन क्षेत्रों में स्थापित पूजा एवं धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों से बैठक कर विशेष मानक संचालनों का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विशेष मानक संचालन के अनुपालना के संबंध में उपमण्डलाधिकारी समय-समय पर धार्मिक क्षेत्रों व पूजा स्थलों की जांच अथवा निगरानी का कार्य भी करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के लिए विशेष मानक संचालन के तहत स्थलों के प्रवेश द्वार की सफाई तथा बार-बार छूने वाली जगहों अथवा वस्तुओं को निरंतर सोडियम हाइपोक्लोराईड सोल्युशन से सैनेटाइज किया जाना व श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रिनिंग की जानी आवश्यक है, इसके लिए धार्मिक स्थलों मंे विभिन्न सिक्रनिंग काउंटर आवश्यकता अनुरूप स्थापित किए जाए। मुंह ढकने के लिए मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा तथा मंदिरों में परस्पर दो गज की दूरी की सलाह की अनुपालना भी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो मंदिरों से घंटियां हटा दी जाए अथवा उन्हें कपड़ों से ढक कर रखें ताकि श्रद्धालु उन्हें छू न सके। इसके साथ-साथ धार्मिक ग्रंथ, रेलिंग, दरवाजे या अन्य किसी वस्तु को स्पर्श न करें। श्रद्धालुओं का धार्मिक स्थलों के अंदर पवित्र स्थान अथवा गर्भ गृह पर प्रवेश वर्जित होगा। कोई भी श्रद्धालु मूर्ति के समक्ष एक मिनट से अधिक नहीं रूक सकता तथा पुजारी अथवा श्रद्धालुओं द्वारा मूर्तियों को न छुआ जाए। 65 वर्ष से अधिक आयु अथवा किसी बीमारी से ग्रस्त लोग, गर्भवती महिला तथा 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे धार्मिक क्षेत्र में न जाएं। धार्मिक स्थलों के परिसरों में भेंट सामग्री चढ़ाना, प्रसाद व चरणामृत बांटना, पवित्र जल का छिड़काव प्रतिबंधित है। परिसर में व्यर्थ इधर-उधर न घूमे अथवा बैठे। श्रद्धालु को मोबाईल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना भी आवश्यक होगा।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी लोगों से आवश्यकता पड़ने पर ही धार्मिक क्षेत्रों में जाने की अपील करें अन्यथा आॅनलाईन दर्शन व आरती की सुविधा को अपनाएं। पूजा स्थलों में कम आवाजाही की जाए। यदि संभव हो तो विभिन्न क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से दर्शन सुनिश्चित करें। धार्मिक अथवा पूजा स्थलों के समीप आईसोलेशन कक्ष की स्थापना की जानी आवश्यक है ताकि संक्रमण का मामला प्रकाश में आने पर व्यक्ति को इसमें आईसोलेट किया जाए तथा संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को जानकारी प्रदान कर आगामी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान के माध्यम से मंदिर में पाए जाने वाले मामलों की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। धार्मिक स्थलों अथवा परिसरों में भजन, विवाह अथवा मुंडन अनुष्ठान आदि कार्यक्रम नहीं किए जा सकेगे। श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थलों में रात्रि विश्राम मान्य नहीं होगा। संभव हो तो प्रतिदिन आने-जाने वालों की लोगों की निगरानी व रिकाॅर्डिंग के लिए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जाए। दिव्यांगजनों को दर्शन के लिए विशेष प्रावधान आवश्यक है। धार्मिक स्थलों के अंदर हवन व धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धार्मिक स्थल व परिसर में उपलब्ध स्थान के आधार पर वहां एक समय में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की जाए ताकि उचित सामाजिक दूरी बनी रहे।
उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग से कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए तय विशेष मानक संचालनों को अपनाकर सहयोग प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति इन्हें अपनाने के लिए नैतिक तौर पर अपनी सहमति प्रदान करे ताकि कोविड-19 महामारी के तेजी से हो रहे फैलाव को रोकने में सक्षम हो सके।