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शिमला, 27 जुलाई
ऊर्जा में विकास, सक्षमता तथा नए स्त्रोतों के सृजन करने वाला राष्ट्र ही विकासशील राष्ट्र कहलाता है। यह बात आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने गेयटी थियेटर में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर/2047 के जिला स्तरीय बिजली महोत्सव समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि किसी देश के लिए ऊर्जा स्त्रोत महत्वपूर्ण है। विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के लिए पर्याप्त ऊर्जा का स्त्रोत अत्यंत आवश्यक है। भारत देश जितनी अधिक प्रगति बिजली के क्षेत्र में करेगा उसी तर्ज पर अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रगति दर्ज करेगा।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर देश में अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से आजादी के समय का भारत तथा आज के भारत की स्थिति और प्रगति को दर्शाया जा रहा है। भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के बिजली मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में आज का यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसके माध्यम से बिजली के क्षेत्र के लाभार्थी, प्रगति तथा योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर जिले में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 30 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिजली के क्षेत्र में लाभार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे। प्रदेश का राज्य स्तरीय कार्यक्रम मण्डी जिले में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 2014 से पूर्व देश के 18 हजार से अधिक गांव में बिजली नहीं थी। देश के सभी गांव में हर घर बिजली पहुंचाने का कार्य प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से ही संभव हो सका है। ऊर्जा के क्षेत्र में देश को एक ग्रिड से जोड़ा गया है, जो एक दुनिया भर में अलग किस्म की पहल है।
उन्हांेने कहा कि सीओपी-21 पेरिस में प्रण लिया गया था कि वर्ष 2030 तक हमारी विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर जीवाशक ईंधन स्त्रोतों में होगा अर्थात् बिना कार्बन उत्सर्जन के होगा, जिसमंे इस लक्ष्य की प्राप्ति नवम्बर, 2021 में की जा चुकी है।
केन्द्र तथा प्रदेश सरकार की अनेकों योजनाओं के माध्यम से आज प्रदेश तथा देश के लोगों को अनेकों सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं दूरदर्शी सोच से हर क्षेत्र मंे नए आयाम स्थापित कर रहा है। बीते 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों से बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार द्वारा 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है। जरूरतमंदों को मुफ्त बिजली मीटर प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त पुराने बिजली खम्बों को बदला जा रहा है। नए ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में लाॅ वोल्टेज की समस्या का निदान किया जा रहा है।
उन्हांेने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत शिमला के सरकारी कार्यालयों एवं भवनों मंे सोलर पैनल स्थापित कर 40 लाख बिजली यूनिट उत्पादन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से शिमला शहर को एक साल में 2 करोड़ रुपये की बचत की जा रही है वहीं स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत धर्मशाला शहर में भी सोलर पैनल के माध्यम से 10 लाख यूनिट का उत्पादन कर 50 लाख रुपये की बचत की जा रही है।
उन्होंने कहा कि शिमला शहर में 25 हजार घरेलू नए कनैक्शन प्रदान किए जा चुके है, जिससे लोगों को बेहत्तर बिजली सुविधा प्रदान हो रही है।
कार्यक्रम में विद्युत उपलब्धियों पर आधारित 7 लघु फिल्मों को दिखाया गया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से 125 यूनिट मुफ्त बिजली एवं बिजली बचाने के बारे में लोगों को जागरूक किया। हास्य नाटक के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में विद्युत क्षेत्र के लाभार्थियों ने अपने विचार भी साझा किए।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड शिमला मण्डल की महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकाॅल) सचिन कंवल ने कहा कि गत 8 वर्षों में बिजली के क्षेत्रों में अनेकों उपलब्धियां दर्ज की गई। समावेशी विकास के साथ-साथ प्रदेश के कोने-कोने तक बिजली पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति के साथ-साथ केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर भी कार्य किया गया है।
अधीक्षण अभियंता लोकेश ठाकुर ने सभी गणमान्यों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम एवं विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में अध्यक्ष हिम फेड गणेश दत, सक्षम गुड़िया बोर्ड अध्यक्ष रूपा शर्मा, कैलाश फैडरेशन अध्यक्ष रवि मेहता, भाजपा मण्डलाध्यक्ष राजेश शारदा, कार्यकारी निदेशक एसजेवीएन एस पटनायक, मुख्य सलाहकार डाॅ. एमपी सूद, अधिशाषी अभियंता शहरी तनुज गुप्ता, एसजेवीएन तथा बिजली बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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