Sun. Apr 28th, 2024

एसजेवीएन लिमिटेड ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के साथ एक एमओयू हस्ता-क्षरित किया है । इरेडा हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एसजेवीएन को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा । एसजेवीएन के अध्य-क्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नंद लाल शर्मा तथा इरेडा के अध्यकक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने एसजेवीएन के निदेशक (सिविल) श्री एस.पी.बंसल, एसजेवीएन के निदेशक (वित्तक) श्री अखिलेश्वुर सिंह, इरेडा के निदेशक (तकनीकी) श्री चिंतन शाह तथा अन्यं वरिष्ठम अधिकारियों की उपस्थिति में वर्चुअल मोड के माध्यवम से आज एमओयू पर हस्ता क्षर किए ।

इस अवसर पर अध्यमक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नंद लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि एमओयू के अनुसार , एसजेवीएन के लिए इरेडा नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता एवं सरंक्षण परियोजनाओं के तकनीकी-वित्तीगय उद्यमता संबंधी कार्य करेगा । एमओयू के तहत, इरेडा अगले पांच वर्षों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बनाने एवं हासिल करने के लिए एक कार्य योजना विकसित करने में एसजेवीएन की सहायता करेगा ।

श्री शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को साकार करने में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है । इस दिशा में पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं और वर्तमान में एसजेवीएन गुजरात में 100 मेगावाट की धोलेरा सौर विद्युत परियोजना और 100 मेगावाट की राघनसेडा सौर विद्युत परियोजना का निर्माण कर रहा है । उन्होंयने इस बात पर भी जोर दिया कि एसजेवीएन और इरेडा की भागीदारी दीर्घकालिक और दोनों के लिए फलदायी सिद्ध होगी ।

एमओयू पर हस्तांक्षर करते हुए इरेडा के अध्यिक्ष एवं प्रबंध निेदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने कहा कि ” एमओयू माननीय प्रधानमंत्री के आत्मरनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकासार्थ इरेडा के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है । यह दोनों संगठनों के मध्यय एक परिपूर्ण तालमेल बनाने के लिए इरेडा और एसजेवीएन के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर है । यह ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी हस्तांरतरण को सुविधाजनक बनाने और परामर्श एवं अनुसंधान सेवाएं प्रदान करने का भी कार्य करेगा , जो देश के सतत विकास में योगदान देगा । हम नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकासार्थ अन्यु पीएसयू के साथ-साथ प्राइवेट संगठनों को अपनी परामर्श सेवाएं विस्तादरित करने के लिए तत्पकर हैं ।”

वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थाशपित क्षमता के हमारे अभिलाषित सांझा विजन की पूर्ति के लिए एसजेवीएन ने महत्वा।कांक्षी रणनीतियां तैयार की है, जिसमें विकास के लिए जैविक के साथ-साथ अजैविक दोनों तरीके शामिल हैं । कारोबार के विस्ताीर और विकास के लिए विभिन्नम मार्गों की पहचान , मूल्यांाकन और हासिल करने के लिए संगठन के अंदर एक बोर्ड स्तहर की कारोबार विस्ता‍र समिति तथा एक समर्पित कारोबार विकास एवं विस्तानर विभाग का गठन किया गया है ।
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