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नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत कराया कि 210 मेगावाट की
लूहरी-1 जलविद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश तथा 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा परियोजना, उत्तर प्रदेश के
लिए वित्तीय क्‍लोजर सफलतापूर्वक हासिल कर लिया गया है। भारतीय स्टेट बैंक के साथ 210 मेगावाट लूहरी-
1 एचईपी के वित्तीय क्‍लोजर पर सहमति हो गई है। ऋण समझौते के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक 6.90%
वार्षिक प्रभावी ब्याज दर पर 1537 करोड़ रुपए का ऋण भाग प्रदान करेगा। इस परियोजना की कुल लागत
1922.12 करोड़ रुपए है।
श्री नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ने 398.80 करोड़ रुपए की लागत वाली 75 मेगावाट की
परासन सौर ऊर्जा परियोजना के वित्तीय क्‍लोजर को प्राप्‍त कर एक और माईलस्‍टोन हासिल किया है।
परियोजना के निष्पादन के लिए 319.04 करोड़ रुपए का ऋण पंजाब नेशनल बैंक, दुबई द्वारा स्वीकृत विदेशी
मुद्रा सावधि ऋण के रूप में प्राप्‍त होगा। विदेशी मुद्रा में होने वाले उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए बैंक
1.78% से 5% तक ब्याज की वसूली करेगा।
श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा, "वित्तीय क्‍लोजर परियोजना के विकास का वह चरण है, जब वित्तीय
पोषण समझौते की सभी शर्तों को वित्तदाताओं द्वारा निधि की प्रारंभिक उपलब्धता से पहले पूरा किया जाता
है।"
श्री नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के शिमला एवं कुल्लू जिलों में अवस्थित 210
मेगावाट की लूहरी स्टेज -1 जलविद्युत परियोजना की आधारशिला दिनांक 27 दिसंबर, 2021 को भारत के
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी। परियोजना की निर्माण गतिविधियां पूरे जोरों पर हैं और
अप्रैल 2026 से सालाना 758.20 मिलियन यूनिट विद्युत उत्‍पादन करने के लिए तीव्रता से अग्रसर हैं।
उत्पादित विद्युत के लिए लेवलाइज्ड टैरिफ 4.24 रुपए प्रति यूनिट होगा।
श्री शर्मा ने आगे कहा कि 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा परियोजना में निर्माण गतिविधियाँ आरंभ हो
गई हैं। कमीशनिंग पर, परियोजना 2.68 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर 168.343 मिलियन यूनिट का वार्षिक
विद्युत उत्पादन करेगी। परियोजना को वित्तीय वर्ष 2022-23 में कमीशन किया जाना निर्धारित है। "परियोजना
की कमीशनिंग वर्तमान वर्ष के अंत तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की
दिशा में हमारा योगदान होगा।"
एसजेवीएन ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित क्षमता प्राप्त करने
की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन की तीव्र गति से यात्रा
आरंभ की है। गत दो वर्षों में कई नई परियोजनाएं हासिल की हैं, और अभी भी कई परियोजनाएं पाइपलाइन में
है। एसजेवीएन प्रबंधन ने अपने साझा विजन लक्ष्यों को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000
मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट तक संशोधित और अपग्रेड किया है।