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नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने सूचित किया कि एसजेवीएन ने अपने
पोर्टफोलियो में तीव्रता से वृद्धि जारी रखते हुए महाराष्ट्र में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना हासिल
की है। एसजेवीएन इस परियोजना को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन
एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से कार्यान्वित करेगा।
श्री नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि एसजेवीएन ने महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी
लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) द्वारा आयोजित ई-रिवर्स ऑक्शन में बिल्ड ओन एंड ऑपरेट आधार पर
2.95 रुपए प्रति यूनिट की प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से एक और परियोजना को हासिल किया है।
एसजेवीएन इस सौर परियोजना को ईपीसी अनुबंध के माध्यम से महाराष्ट्र में किसी भी स्‍थान पर
विकसित करेगा। इस परियोजना के साथ, एसजेवीएन अब महाराष्ट्र राज्य में 505 मेगावाट सौर
परियोजनाओं को विकासि‍त कर रहा है।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने आगे कहा कि इस परियोजना के विकास की अनुमानित लागत लगभग 1200
करोड़ रुपए है। कमीशन होने पर, परियोजना के प्रथम वर्ष में 455 मिलियन यूनिट और 25 वर्षों की
अवधि में 10,480 मिलियन यूनिट उत्पन्न होने की उम्मीद है। परियोजना से लगभग 5,13,560 टन
कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है। एसजेवीएन और एमएसईडीसीएल के बीच 25 वर्षों के लिए
बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।आरएफएस के अनुसार, पीपीए पर हस्ताक्षर की तिथि से
15 माह में परियोजना की कमीशनिंग की जाएगी, यदि परियोजना सौर पार्क के भीतर विकसित की जाती
है और यदि परियोजना सौर पार्क के बाहर विकसित की जाती है, तो इसे 18 माह में विकसित किया
जाएगा।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि "एसजेवीएन के 35 वर्ष के दीर्घकालीन अविश्वसनीय इतिहास में ऐसा
पहली बार हुआ है कि कंपनी के पोर्टफोलियो में एक वित्तीय वर्ष में 938 मेगावाट की सौर परियोजनाएं
शामिल हुई हैं। "इस परियोजना के आबंटन के साथ ही कंपनी का सौर पोर्टफोलियो अब 4320.5 मेगावाट
हो गया है, जिसमें से 179.5 मेगावाट प्रचालन में है, 1385 मेगावाट निर्माणाधीन है और 2756 मेगावाट

कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है। इसके अलावा, एसजेवीएन ने हाल ही में ओडिशा सरकार के साथ
राज्य में 3000 मेगावाट हाइड्रो और सौर परियोजनाओं के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन पर
हस्ताक्षर किए हैं।
एसजेवीएन, एक प्रमुख विद्युत सीपीएसई के रूप में लगभग 45000 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ
भारत के 15 राज्यों तथा विदेशों में 72 जलविद्युत, सौर, पवन और तापीय परियोजनाओं का विकास कर
रहा है। कंपनी उल्‍लेखनीय वृद्धि की आकांक्षा रखती है तथा कंपनी ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट,
2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट का अपना साझा विजन निर्धारित
किया है।