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कुल्लू 11 मार्च । वस्त्र समिति लुधियाना, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आज विकास खंड कुल्लू के लगवैली की ग्राम पंचायत डुघीलग के गांव सूमा में हैंडलूुम मार्क योजना के अंतर्गत हथकरकुल्लू 11 मार्च । वस्त्र समिति लुधियाना, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आज विकास खंड कुल्लू के लगवैली की ग्राम पंचायत डुघीलग के गांव सूमा में हैंडलूुम मार्क योजना के अंतर्गत हथकरघा बुनकरों के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 100 से अधिक क्षेत्र के महिला तथा पुरूष हथकरघा बुनकरों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महाप्रबंधक डीआईसी कुल्लू छिमे आंगमो बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहीं।
उन्होंने उपस्थित हथकरघा बुनकरों को हैंडलूम कार्य को बढ़ावा देने के लिए अच्छी गुणवत्ता का धागा प्रयोग करने तथा इस कार्य को निरंतरता प्रदान करने का आह््वान किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन का मुख्य उद््देश्य हथकरघा बुनकरों को उनके घर द्वार पर उनके व्यवसाय से सम्बंधित नवीनतम तकनीकों व योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाना ताकि वह अपने इस पुश्तैनी व पारम्परिक व्यवसाय को गति प्रदान कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृृढ़ कर सकें।
उन्होंने कहा कि हथकरघा से बने उत्पादों की बाजार में भारी मांग है तथा बुनकर अपने इस पुश्तैनी कार्य को बड़े पैमाने पर अपनाकर अपनी आर्थिकी को बेहतर बना सकते हैं। हैंडलूम उत्पाद स्वास्थ्य की दृृष्टि से भी अच्छे होते हैं तथा गुणवत्ता के मामले में पॉवरलूम या मशीनी उत्पादों की तुलना में इनमें रात-दिन का फर्क होता है। हैंडलूम मार्क मिलने से किसकी भी बुनकर द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को दूसरा नहीं बेच सकता। उन्होंने लोगों को जिला उद्योग केन्द्र द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी तथा इनका लाभ उठाने का आह््वान किया। कुल्लू शॉल को जीआई टेंिगंग प्राप्त है तथा यह भारत वर्ष ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि पॉवरलूम या मशीनों में तैयार उत्पादों पर हैंडलूम मार्क लगाकर बेचना कानूनी अपराध है तथा इसके लिए जेल तथा सजा दोनों का प्रावधान किया गया है।
वस्त्र समिति लुधियाना, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गुणवत्ता आश्वासन अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि हैंडलूम मार्क योजना वर्ष 2006 में शरू की गई थी। तब से इसे मैनुअल तरीके से चलाया जा रहा था, लेकिन वर्ष, 2020 में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा इसकी ऑनलाईन लांचिंग करने के बाद अब घर बैठे ही बुनकर मोबाईल ऐप के माध्यम से हैंडलूम मार्क के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। हथकरघा से सम्बंधित उत्पादों की विक्री को लेकर विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके पंजीकरण के लिए शुरूआत में एक बार ही 50 रूपए का शुल्क लिया जाएगा जो जीएसटी को मिलाकर 59 रूपए होगा। यह पंजीकरण तीेन साल के लिए होगा उसके बाद इसका नवीनीकरण किया जाएगा। बुनकर एक वित वर्ष में अधिकतम 1 हजार लेवल मंगवा सकते हैं जिसके लिए प्रति लेवल उन्हें 50 पैसे की राशि अदा करनी होगी। लेवल का दुरूपयोग करने पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। भारत सरकार द्वारा हैडलूम मार्क के लिए हथकरघा बुनकरों सहित तीन श्रेणियों सहकारी सभाओ, एपैक्स सभाओं तथा स्वयं सहायता समूहों व क्लस्टर यूनिटों को शामिल किया गया है।
इस दौरान वस्त्र समिति के एक अन्य गुणवत्ता आश्वासन अधिकारी आयन पॉल ने प्रोजैक्टर के माध्यम से बुनकरों तथा कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को हैंडलूम मार्क की ऑनलाईन पंजीकरण प्रक्रिया की स्टेप वाईज जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार बुनकरों का संपूर्ण डाटावेस तैयार किया जाएगा जिससे उन्हें सरकार की योजनाओं का भी बेहतर ढंग से लाभ मिल पाएगा तथा वे घर बैठे अपने उत्पादों को उचित दाम पर बेच पाएंगे। इससे उनके समय की भी बचत होगी।बुनकरों को क्यूआर कोड दिया जाएगा। ग्राहक क्यूआर कोड के माध्यम से खरीदे गए उत्पादों की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं, इससे धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी।
राष्ट्रीय हैंडलूम विकास निगम कुल्लू के सहायक प्रबंधक शिवाजी शिंदे तथा बुनकर सेवा केन्द्र कुल्लू के उप निदेशक अनिल साहू ने भी उनके निगम व केन्द्र द्वारा बुनकरों के कल्याणार्थ संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बुनकरों को धागे पर एनएचडीसी कुल्लू द्वारा 15 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जाता ह जो कि बाजार से सस्ता तथा गुणवत्तायुक्त होता है। निगम द्वारा बुनकरों को धागा फैक्टरी मूल्य पर बुनकरों के घर द्वार पर बिना किसी ट्रांसपोर्टेशन व्यय लिए उपलब्ध करवाया जाता है।
प्ंाजीकरण के बाद बुनकरों को हैंडलूम मार्क के साथ क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। हैंडलूम मोबाईल ऐप में तीन ऐपस वीवीर्ज ऐप, कस्टमर ऐप तथा एडमिन ऐप होगी। वीवर ऐप में बुनकर के लिए हैंडलूम मार्क के पंजीकरण हेतु ऑनलाईन आवेदन करने के साथ मॉनीटरिंग तथा लेवल प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी।े इसी प्रकार कस्टमर ऐप में जो व्यक्ति हैंडलूम मार्कयुक्त उत्पाद खरीदेगा वह उसकी असलियत तथा गुणवत्ता को आसानी से देख सकता है तथा एडमिन ऐप के माध्यम से अधिकारी बुनकरों के पंजीकरण का सत्यापन व जियो टैग कर सकेंगे।
-0-घा बुनकरों के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 100 से अधिक क्षेत्र के महिला तथा पुरूष हथकरघा बुनकरों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महाप्रबंधक डीआईसी कुल्लू छिमे आंगमो बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहीं।
उन्होंने उपस्थित हथकरघा बुनकरों को हैंडलूम कार्य को बढ़ावा देने के लिए अच्छी गुणवत्ता का धागा प्रयोग करने तथा इस कार्य को निरंतरता प्रदान करने का आह््वान किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन का मुख्य उद््देश्य हथकरघा बुनकरों को उनके घर द्वार पर उनके व्यवसाय से सम्बंधित नवीनतम तकनीकों व योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाना ताकि वह अपने इस पुश्तैनी व पारम्परिक व्यवसाय को गति प्रदान कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृृढ़ कर सकें।
उन्होंने कहा कि हथकरघा से बने उत्पादों की बाजार में भारी मांग है तथा बुनकर अपने इस पुश्तैनी कार्य को बड़े पैमाने पर अपनाकर अपनी आर्थिकी को बेहतर बना सकते हैं। हैंडलूम उत्पाद स्वास्थ्य की दृृष्टि से भी अच्छे होते हैं तथा गुणवत्ता के मामले में पॉवरलूम या मशीनी उत्पादों की तुलना में इनमें रात-दिन का फर्क होता है। हैंडलूम मार्क मिलने से किसकी भी बुनकर द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को दूसरा नहीं बेच सकता। उन्होंने लोगों को जिला उद्योग केन्द्र द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी तथा इनका लाभ उठाने का आह््वान किया। कुल्लू शॉल को जीआई टेंिगंग प्राप्त है तथा यह भारत वर्ष ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि पॉवरलूम या मशीनों में तैयार उत्पादों पर हैंडलूम मार्क लगाकर बेचना कानूनी अपराध है तथा इसके लिए जेल तथा सजा दोनों का प्रावधान किया गया है।
वस्त्र समिति लुधियाना, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गुणवत्ता आश्वासन अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि हैंडलूम मार्क योजना वर्ष 2006 में शरू की गई थी। तब से इसे मैनुअल तरीके से चलाया जा रहा था, लेकिन वर्ष, 2020 में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा इसकी ऑनलाईन लांचिंग करने के बाद अब घर बैठे ही बुनकर मोबाईल ऐप के माध्यम से हैंडलूम मार्क के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। हथकरघा से सम्बंधित उत्पादों की विक्री को लेकर विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके पंजीकरण के लिए शुरूआत में एक बार ही 50 रूपए का शुल्क लिया जाएगा जो जीएसटी को मिलाकर 59 रूपए होगा। यह पंजीकरण तीेन साल के लिए होगा उसके बाद इसका नवीनीकरण किया जाएगा। बुनकर एक वित वर्ष में अधिकतम 1 हजार लेवल मंगवा सकते हैं जिसके लिए प्रति लेवल उन्हें 50 पैसे की राशि अदा करनी होगी। लेवल का दुरूपयोग करने पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। भारत सरकार द्वारा हैडलूम मार्क के लिए हथकरघा बुनकरों सहित तीन श्रेणियों सहकारी सभाओ, एपैक्स सभाओं तथा स्वयं सहायता समूहों व क्लस्टर यूनिटों को शामिल किया गया है।
इस दौरान वस्त्र समिति के एक अन्य गुणवत्ता आश्वासन अधिकारी आयन पॉल ने प्रोजैक्टर के माध्यम से बुनकरों तथा कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को हैंडलूम मार्क की ऑनलाईन पंजीकरण प्रक्रिया की स्टेप वाईज जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार बुनकरों का संपूर्ण डाटावेस तैयार किया जाएगा जिससे उन्हें सरकार की योजनाओं का भी बेहतर ढंग से लाभ मिल पाएगा तथा वे घर बैठे अपने उत्पादों को उचित दाम पर बेच पाएंगे। इससे उनके समय की भी बचत होगी।बुनकरों को क्यूआर कोड दिया जाएगा। ग्राहक क्यूआर कोड के माध्यम से खरीदे गए उत्पाकुल्लू 11 मार्च । वस्त्र समिति लुधियाना, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आज विकास खंड कुल्लू के लगवैली की ग्राम पंचायत डुघीलग के गांव सूमा में हैंडलूुम मार्क योजना के अंतर्गत हथकरघा बुनकरों के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 100 से अधिक क्षेत्र के महिला तथा पुरूष हथकरघा बुनकरों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महाप्रबंधक डीआईसी कुल्लू छिमे आंगमो बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहीं।
उन्होंने उपस्थित हथकरघा बुनकरों को हैंडलूम कार्य को बढ़ावा देने के लिए अच्छी गुणवत्ता का धागा प्रयोग करने तथा इस कार्य को निरंतरता प्रदान करने का आह््वान किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन का मुख्य उद््देश्य हथकरघा बुनकरों को उनके घर द्वार पर उनके व्यवसाय से सम्बंधित नवीनतम तकनीकों व योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाना ताकि वह अपने इस पुश्तैनी व पारम्परिक व्यवसाय को गति प्रदान कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृृढ़ कर सकें।
उन्होंने कहा कि हथकरघा से बने उत्पादों की बाजार में भारी मांग है तथा बुनकर अपने इस पुश्तैनी कार्य को बड़े पैमाने पर अपनाकर अपनी आर्थिकी को बेहतर बना सकते हैं। हैंडलूम उत्पाद स्वास्थ्य की दृृष्टि से भी अच्छे होते हैं तथा गुणवत्ता के मामले में पॉवरलूम या मशीनी उत्पादों की तुलना में इनमें रात-दिन का फर्क होता है। हैंडलूम मार्क मिलने से किसकी भी बुनकर द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को दूसरा नहीं बेच सकता। उन्होंने लोगों को जिला उद्योग केन्द्र द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी तथा इनका लाभ उठाने का आह््वान किया। कुल्लू शॉल को जीआई टेंिगंग प्राप्त है तथा यह भारत वर्ष ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि पॉवरलूम या मशीनों में तैयार उत्पादों पर हैंडलूम मार्क लगाकर बेचना कानूनी अपराध है तथा इसके लिए जेल तथा सजा दोनों का प्रावधान किया गया है।
वस्त्र समिति लुधियाना, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गुणवत्ता आश्वासन अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि हैंडलूम मार्क योजना वर्ष 2006 में शरू की गई थी। तब से इसे मैनुअल तरीके से चलाया जा रहा था, लेकिन वर्ष, 2020 में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा इसकी ऑनलाईन लांचिंग करने के बाद अब घर बैठे ही बुनकर मोबाईल ऐप के माध्यम से हैंडलूम मार्क के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। हथकरघा से सम्बंधित उत्पादों की विक्री को लेकर विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके पंजीकरण के लिए शुरूआत में एक बार ही 50 रूपए का शुल्क लिया जाएगा जो जीएसटी को मिलाकर 59 रूपए होगा। यह पंजीकरण तीेन साल के लिए होगा उसके बाद इसका नवीनीकरण किया जाएगा। बुनकर एक वित वर्ष में अधिकतम 1 हजार लेवल मंगवा सकते हैं जिसके लिए प्रति लेवल उन्हें 50 पैसे की राशि अदा करनी होगी। लेवल का दुरूपयोग करने पर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। भारत सरकार द्वारा हैडलूम मार्क के लिए हथकरघा बुनकरों सहित तीन श्रेणियों सहकारी सभाओ, एपैक्स सभाओं तथा स्वयं सहायता समूहों व क्लस्टर यूनिटों को शामिल किया गया है।
इस दौरान वस्त्र समिति के एक अन्य गुणवत्ता आश्वासन अधिकारी आयन पॉल ने प्रोजैक्टर के माध्यम से बुनकरों तथा कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को हैंडलूम मार्क की ऑनलाईन पंजीकरण प्रक्रिया की स्टेप वाईज जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार बुनकरों का संपूर्ण डाटावेस तैयार किया जाएगा जिससे उन्हें सरकार की योजनाओं का भी बेहतर ढंग से लाभ मिल पाएगा तथा वे घर बैठे अपने उत्पादों को उचित दाम पर बेच पाएंगे। इससे उनके समय की भी बचत होगी।बुनकरों को क्यूआर कोड दिया जाएगा। ग्राहक क्यूआर कोड के माध्यम से खरीदे गए उत्पादों की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं, इससे धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी।
राष्ट्रीय हैंडलूम विकास निगम कुल्लू के सहायक प्रबंधक शिवाजी शिंदे तथा बुनकर सेवा केन्द्र कुल्लू के उप निदेशक अनिल साहू ने भी उनके निगम व केन्द्र द्वारा बुनकरों के कल्याणार्थ संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बुनकरों को धागे पर एनएचडीसी कुल्लू द्वारा 15 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जाता ह जो कि बाजार से सस्ता तथा गुणवत्तायुक्त होता है। निगम द्वारा बुनकरों को धागा फैक्टरी मूल्य पर बुनकरों के घर द्वार पर बिना किसी ट्रांसपोर्टेशन व्यय लिए उपलब्ध करवाया जाता है।
प्ंाजीकरण के बाद बुनकरों को हैंडलूम मार्क के साथ क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। हैंडलूम मोबाईल ऐप में तीन ऐपस वीवीर्ज ऐप, कस्टमर ऐप तथा एडमिन ऐप होगी। वीवर ऐप में बुनकर के लिए हैंडलूम मार्क के पंजीकरण हेतु ऑनलाईन आवेदन करने के साथ मॉनीटरिंग तथा लेवल प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी।े इसी प्रकार कस्टमर ऐप में जो व्यक्ति हैंडलूम मार्कयुक्त उत्पाद खरीदेगा वह उसकी असलियत तथा गुणवत्ता को आसानी से देख सकता है तथा एडमिन ऐप के माध्यम से अधिकारी बुनकरों के पंजीकरण का सत्यापन व जियो टैग कर सकेंगे।
-0-दों की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं, इससे धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी।
राष्ट्रीय हैंडलूम विकास निगम कुल्लू के सहायक प्रबंधक शिवाजी शिंदे तथा बुनकर सेवा केन्द्र कुल्लू के उप निदेशक अनिल साहू ने भी उनके निगम व केन्द्र द्वारा बुनकरों के कल्याणार्थ संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बुनकरों को धागे पर एनएचडीसी कुल्लू द्वारा 15 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जाता ह जो कि बाजार से सस्ता तथा गुणवत्तायुक्त होता है। निगम द्वारा बुनकरों को धागा फैक्टरी मूल्य पर बुनकरों के घर द्वार पर बिना किसी ट्रांसपोर्टेशन व्यय लिए उपलब्ध करवाया जाता है।
प्ंाजीकरण के बाद बुनकरों को हैंडलूम मार्क के साथ क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। हैंडलूम मोबाईल ऐप में तीन ऐपस वीवीर्ज ऐप, कस्टमर ऐप तथा एडमिन ऐप होगी। वीवर ऐप में बुनकर के लिए हैंडलूम मार्क के पंजीकरण हेतु ऑनलाईन आवेदन करने के साथ मॉनीटरिंग तथा लेवल प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी।े इसी प्रकार कस्टमर ऐप में जो व्यक्ति हैंडलूम मार्कयुक्त उत्पाद खरीदेगा वह उसकी असलियत तथा गुणवत्ता को आसानी से देख सकता है तथा एडमिन ऐप के माध्यम से अधिकारी बुनकरों के पंजीकरण का सत्यापन व जियो टैग कर सकेंगे।
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