Thu. Nov 21st, 2024

चरस रखने के तीन दोषीयों को 20-20 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माना

विशेष न्यायाधीश- मण्डी की अदालत ने चरस रखने के दो आरोपीयों को 20-20 वर्ष के कठोर
कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी मण्डी, श्री जितेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि दिनांक
23/11/2017 को अन्वेक्षण अधिकारी निरीक्षक सुनील कुमार, पुलिस थाना सदर, अपनी पुलिस टीम के साथ
गश्त पर थे इसी दौरान वे सुक्कीबाई में पहले से मौजूद नाकाबंदी और ट्रैफिक चेकिंग के लिए तैनात टीम के पास
पहुचे तो समय शाम 6:40 पर कुल्लू से मण्डी की ओर आ रही गाड़ी न० HP34B-6732 को चेकिंग के लिए
रोका गयाl गाड़ी के रोके जाने पर उसके अंदर ड्राईवर और दो अन्य व्यक्ति बैठे थेl अन्वेक्षण अधिकारी निरीक्षक
सुनील कुमार ने ड्राईवर को गाड़ी के दस्तावेज दिखाने को कहा, गाड़ी के दस्तावेजों की जाँच के दौरान ड्राईवर
डरा हुआ सा प्रतीत हो रहा था और गाड़ी के अंदर (फ्रंट सीट और पीछे की सीट में) बैठे अन्य दो ब्यक्ति भी
हडबडाहट में थेl उक्त तीनों व्यक्तियों के इस तरह से डरे होने से गाड़ी में किसी अवैध वस्तु होने के संदेह के चलते
पुलिस टीम द्वारा उक्त गाड़ी की तलाशी ली गईl तलाशी के दौरान गाड़ी के अंदर से कुल 4.285 किलोग्राम चरस
बरामद हुई थी, जिस पर पुलिस थाना सदर मण्डी में अभियोग सख्या 320/17 दर्ज हुआ था। इस मामले की
जाँच अन्वेक्षण अधिकारी निरीक्षक सुनील कुमार, पुलिस थाना सदर ने अमल में लायी थी और तप्तीश पूरी होने
पर मामले का चालान अदालत में दायर किया था।
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 13 गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए थे। अभियोजन एवं
बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि तीनों आरोपियों अजय पुत्र पूर्ण चन्द वार्ड न० 4, गाँव
चिरपना, डा० गड्सा, तहसील भुंतर जिला कुल्लू (हि० प्र०), सुनील कुमार पुत्र तरसेम लाल, गाँव टाकावनी,
डाकघर योल कैंट धर्मशाला और पीछे की सीट में बैठे गोबिंद पुत्र चनकू राम गाँव चिरपना, डा० गड्सा, तहसील
भुंतर जिला कुल्लू (हि० प्र०) द्वारा 4.285 किलोग्राम चरस रखने का अपराध, संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है
और अदालत ने तीनों दोषियों को एन डी पी एस एक्ट की धारा 20(b)(ii)(C) के तहत बीस-बीस वर्ष के कठोर
कारावास और दो –दो लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने
दोषीयों को दो-दो वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी सुनाई।