मंडी, 11 जुलाई: विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल के सभागार में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
डॉ. दिनेश ठाकुर ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट किसी भी राष्ट्र के लिए गम्भीर समस्या है। बढ़ रही जनसंख्या का हमारे सीमित संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जनसंख्या बढ़ोतरी के कारण हमारे प्राकृतिक संसाधनों के अधिकाधिक दोहन से पूरी मानव जाति पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहा है।
डॉ. ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनसंख्यया नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बतया कि जनसंख्या जागरूगता सप्ताह का पहला चरण 27 जून से 10 जुलाई तक मनाया गया और दूसरा चरण 11 जुलाई से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह पखवाड़ा कोविड-19 के तहत केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों की अनुपालना करते हुए सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित किया जाएगा।
इस अभियान में वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग, वीडियो क्लिप व स्थानीय केबल चैनलों के माध्यम से जन-जन तक जनसंख्या नियंत्रण बारे लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान लोगों को परिवार नियोजन के साधनों की उपलब्धता, स्थाई व अस्थाई गर्भ निरोधक सुविधाओं बारे जागरूक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर भी लोगों को परिवार नियोजन बारे विस्तार से जानकारी देंगे व उन्हें जनसंख्या नियंत्रण बारे जागरू करेंगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पवनेश महन्त ने परिवार नियोजन के महत्व, छोटा परिवार-सुखी परिवार, बड़ी उम्र में शादी तथा दो बच्चों के बीचन में लगभग तीन साल का अन्तर तथा बालिका सुरक्षा योजना बारे जानकारी दी। उन्होंने महिला व पुरूष नसबन्दी के दौरान वित्तिय सहायता, काउंसलिंग बारे भी अपने विचार व्यक्त किए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुराधा शर्मा ने लड़की और मां के स्वास्थ्य, योन रोगों बारे विस्तार से जानकारी दी।
स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने बालिका समृद्धि योजना के तहत पहली बेटी के जन्म पर 35000 रूपए और दूसरी बेटी के जन्म पर 25000 रूपए की सहायता दी जाती है। स्थाई परिवार नियोजन पर मिलने वाली वित्तिय सहायता बारे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पुरूष नसबन्दी पर 1100 रूपए और महिला नसबन्दी पर 600 रूपये की सहायता दी जाती है।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के समस्त कार्यक्रम अधिकारी, कर्मचारी, नगर परिषदर के सदस्य और आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।