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मंडी, 21 सितम्बर : मंडी जिला के बडमार गांव के किसानों के लिए हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना वरदान सिद्ध हो रही है। जापान इंटर नेशनल कॉर्पोरेशन (जाइका) के सहयोग से चलाई जा रही यह परियोजना खेती-किसानी में लोगों की रूचि, मुनाफा या कहें जायका बढ़ाने वाली साबित हुई है।
जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. नवनीत सूद का कहना है कि सदर तहसील की ग्राम पंचायत सेगली के बडवार गांव में प्रचलित बहाव सिंचाई योजना-छोनल खारसी से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस परियोजना के माध्यम से किसानांे की वार्षिक आय में औसतन 5 गुणा वृद्धि हुई है। परियोजना के लागू होने से पहले यहां किसानों की सालाना आय लगभग 83 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर लगभग 4.58 लाख हो गई है।
डॉ. नवनीत सूद बताते हैं कि बहाव सिंचाई योजना-छोनल खारसी का कुल कृषि योग्य क्षेत्र 16.32 हेक्टेयर है। यह क्षेत्र व्यवसायिक पैमाने पर गोभी, टमाटर, फ्रेंचबीन, शिमला मिर्च और बैंगन जैसी नकदी फसलों की वृद्धि के लिए उपयुक्त है । किसान जाइका के सहयोग से खेती के नवीनतम तरीके अपनाकर इस खरीफ मौसम में 14.7 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जिया की खेती कर रहे हैं। सीजन के दौरान, किसान गोभी व टमाटर की अच्छी कीमत प्राप्त कर खूब मुनाफा अर्जित कर रहे हैं।
डॉ. सूद का कहना है कि एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, बडमार गांव के 70 प्रतिशत किसान गोभी का उत्पादन कर रहे हैं । किसानों ने गोभी उत्पादन से 18- 20 रुपये प्रति किलो मूल्य प्राप्त किया । एक बीघा से इस उप परियोजना के किसान गोभी से औसतन 25 से 30 हजार रूपये व टमाटर की खेती से लगभग 70 से 80 हजार की कमाई कर रहे हैं । ये सब्जी उत्पादक चंडीगढ़, मनाली और दिल्ली के एपीएमसी में अपनी उपज बेच रहे हैं। इस परियोजना के किसानों ने वर्तमान सीजन के दौरान गोभी की उपज से लगभग 35 से 38 लाख रुपये की कमाई की है।
यहां वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 14.6 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ सीजन व 13.7 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी सीजन की फसलें लगाई गयी जिसमें खरीफ सीजन में 2.27 लाख रुपये व रबी सीजन में 2.31 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर आय प्राप्त हुई।
डॉ. नवनीत सूद का कहना है कि हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना हिमाचल सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र मे आवश्यक आधारभूत सरंचनाओं का विकास करते हुए फसल विविधीकरण का प्रोत्साहन देना व किसानों की आय को बढ़ाना है। इस परियोजना के माध्यम से जिला मंडी में 62 उप-परियोजनाओं में 1261.46 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
वे कहते हैं कि किसानों को पानी की उपलब्धता समय पर न होने के कारण सब्जी उत्त्पादन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था लेकिन हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत सिंचाई की सुनिश्चित आपूर्ति, फव्वारा सिंचाई विधि जैसी विभिन्न सिंचाई सुविधाओं से बहुत सेकृषक परिवार लाभान्वित हुए हैं और सब्जियों की उत्पादकता का स्तर बढ़ा है।
डॉ. नवनीत सूद के अनुसार किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रक्षेत्र प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था। सब्जियों की वैज्ञानिक रूप से खेती की गई थी। साथ ही साथ परियोजना के किसानों को अन्य लाभ जैसे कि निशुल्क बीज, पावर टिलर, ब्रशकटर, नैपसैक स्प्रे, स्प्रे पंप जैसी कृषि मशीनरी भी उपलब्ध करवाई गयी और किसानों को वाणिज्यिक पैमाने पर सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।