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शिमला, 29 जुलाई
एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा समिति तथा जिला स्तरीय पोषाहार समिति की समीक्षा बैठक आज उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
उन्होंने बताया कि पोषाहार कार्यक्रम के अंतर्गत छः माह से छः वर्ष की आयु तक के कुल 43 हजार 335 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। इसके अतिरिक्त गर्भवती व धात्री 8859 महिलाओं को पोषाहार प्रदान किया गया। कोविड के दौरान प्रवासी 0 माह से 6 वर्ष के 1316 बच्चों, 317 माताओं एवं 33 किशोरियों को लाभान्वित किया गया है।
शालापूर्व शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत 8741 बालकों एवं 881 बालिकाओं को वीडियो और अभ्यास पुस्तिकाएं उपलब्ध करवाकर गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुल 2154 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किए जा रहे है, जिनमें से 215 विभागीय भवनों में, 14 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के घरों में, 941 निजी भवनों मंे, 669 स्कूल भवनों में, 25 पंचायत भवनों में तथा 290 महिला मण्डल एवं युवक मण्डल तथा स्वास्थ्य केन्द्रों में संचालित किए जा रहे हैं।
कोविड के कारण वृद्धि निगरानी कार्य को आरम्भ करने के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि जिला में पोषाहार आपूर्ति, नागरिक आपूर्ति विभाग के माध्यम से नियमित रूप से की जा रही है जबकि मिल्क फैड द्वारा आपूर्ति में आंशिक विलम्ब रहता है, जिसे जल्द दूर करने के निर्देश दिए गए हैं।
मनरेगा के तहत भवनों के निर्माण की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कुल 17 निर्माण कार्य किए जाने हैं, जिनमें से 5 निर्माण कार्य पूरे कर लिए गए हैं, 4 निर्माण कार्यों का पैसा संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों को प्रदान किया जा चुका हैं, जिन पर कार्य जल्द आरम्भ कर दिया जाएगा। 4 कार्य भूमि विवाद की वजह से लंबित है, जिन्हें जल्द सुलझाने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि कार्य आरम्भ किया जाए तथा शेष कार्यों को जल्द आरम्भ करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 13 लाख 26 हजार रुपये व्यय कर 26 पात्रों को लाभान्वित किया गया है। मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत चल रहे मामलों में 861 माताओं व 1302 बच्चों को लाभान्वित किया गया है, जिन पर 39 लाख 9 हजार 384 रुपये खर्च किए गए हैं। महिलाओं के लिए स्वयं रोजगार योजना के तहत 30 हजार रुपये की राशि व्यय कर 6 पात्र लोगों को लाभान्वित किया गया है। बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवार की 128 किशोरियों पर 7 लाख 36 हजार 850 रुपये व्यय कर लाभान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा आरम्भ की गई महत्वाकांक्षी शगुन योजना के तहत बीपीएल परिवारों की लड़कियों के विवाह के लिए उनके परिवारों को 31 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा इस योजना के लिए जिला में 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है, जिसके लिए आवेदन प्राप्त किए जा रहे हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्राप्त 25 लाख रुपये की राशि में से 2 लाख 41 हजार 130 रुपये व्यय कर जानकारी व जागरूकता प्रदान की जा रही है। परिणामस्वरूप जिला में बाल लिंगानुपात 998.58 हुआ है। जिला में जन्म के समय लिंगानुपात 987.91 आंका गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्राप्त 7 करोड़ 55 लाख 84 हजार रुपये व्यय कर अभी तक 18467 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया गया, इसी योजना के तहत वर्ष 2021-22 में अभी तक 1216 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है, जिन पर 32 लाख 61 हजार रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि सशक्त महिला योजना के तहत 406 सशक्त महिला केन्द्रों का निर्माण प्रत्येक पंचायत स्तर पर किया गया है। आय सृजन गतिविधियों के तहत जिला के 6 स्वयं सहायता समूह को 35 हजार रुपये प्रत्येक समूह के आधार पर 2 लाख 10 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा जिला पोषाहार समिति का गठन किया गया है, जो पोषाहार के संबंध में निगरानी रखेगी, जिसके तहत कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की निगरानी व उनके सुधार के लिए किए जाने वाले कार्यों का अवलोकन व निगरानी की जाएगी।
शौचालयों के निर्माण व मुरम्मत कार्यों के लिए 90 लाख रुपये की राशि आबंटित की गई है, जिसमें निर्माण के लिए 15 तथा मुरम्मत और स्तरोन्नत के लिए 33 प्रकलन प्राप्त हो चुके हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में समुदायनौमुखी गतिविधियों को पुनः आरम्भ करने के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि पीड़ित महिलाओं के लिए मशोबरा में वन स्टाॅप सेंटर केन्द्र स्थापित किया गया है, जिसके तहत पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए परामर्श, 5 दिनों के लिए निःशुल्क आवास तथा स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाएं 0177-2740268 दूरभाष नम्बर पर सम्पर्क कर इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकती है
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चैहान, परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजय भगवती, जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा, जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्वास्थ्य) डाॅ. मुनीश सूद, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. पवन जैरथ, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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