सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से संत निरंकारी सत्संग भवन शिमला में जोनल स्तरीय बाल समागम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता आदरणीय संत गुलशन नड्डा जी मुखी एवं ज्ञान प्रचारक बिलासपुर ने की । गुलशन नड्डा जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि देखने में तो बच्चे ही थे परन्तु जो संदेश इन्होंने दिया वह बहुत बड़ा था। बच्चों ने कई प्रकार की कलाओं का सहारा लेते हुए यह बताने का प्रयास किया कि मर्यादा व अनुशासन में रहकर जीवन व्यतीत करना चाहिए तथा निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए इन बाल संतों ने यह संदेश भी दिया कि मानुष जन्म बहुत ही अनमोल है हमें इसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए बल्कि सत्संग सेवा सिमरन में लगाना चाहिए। आगे
उन्होंने बच्चों द्वारा पेश की गई हर आइटम की सराहना की और कहा कि बच्चों के मन निर्मल होते हैं यदि बचपन से ही इनमें जात-पात भाषा रहन-सहन आदि के आधार पर किसी से वैर नफरत का भाव पैदा न होने दिया जाए तो यह बड़े होकर यह बच्चे समाज व देश के लिए वरदान साबित हो सकते हैं और फिर देश में अनेकता होते हुए भी एकता स्थापित करना संभव हो सकेगा इन नन्हे मुन्ने बच्चों से यह आशा की जाती है कि वह सोशल मीडिया की और कम ध्यान दें और अपनी पढ़ाई के विषयों एवं खेल कूद पर विशेष ध्यान देंगे अपने माता-पिता एवं अध्यापकों का सत्कार करें तथा उनकी आज्ञा का पालन करें, आज के बच्चे देश का भविष्य है अतः परमपिता परमात्मा से अरदास है कि सभी बच्चों को सदाचार व सुविवेक प्रदान करें ताकि वे अपने माता-पिता एवं देश का नाम रोशन कर सकें।
इस अवसर किन्नौर, मोरंग, रामपुर, रोहड़ू , जुब्बल, ठियोग आदि जगहों से से आए बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से निरंकारी मिशन की बहूमूल्य शिक्षा व अध्यात्मिक सिद्धांतों का व्याख्यान करते हुए सतगुरु के उपदेशों को जीवन में अपनाने का आह्वान भी किया गया ।