कुल्लू,17 अक्टूबर, उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि 7 दिनों तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में घाटी के सैकड़ों देवी देवता ढालपुर मैदान की शान बने हैं। समूचा कुल्लू विशुद्ध रूप से देव आस्था का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के चलते बेशक इस बार व्यापारिक व सांस्कृतिक गतिविधियां नहीं की जा रही है, लेकिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य देवों के दर्शन के लिए आ रहे हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि लोग दशहरा उत्सव में व्यापारिक व सांस्कृतिक गतिविधियों को नहीं, बल्कि देवासथा
को अधिक महत्व देते हैं। इससे हमारी देव परंपरा की संस्कृति को बल मिलता है और समाज में सौहार्द व सामंजस्य की भावना भी मजबूत होती है।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि ढालपुर मैदान में जिस प्रकार से देव समाज कोविड-19 नियमों की पालना कर रहा है, वह एक सराहनीय प्रयास है। कहीं पर भी श्रद्धालुओं का दर्शन के लिए तांता नजर नहीं आता,बल्कि बारी बारी से लोग अपने आराध्य देवी-देवताओं के दर्शन कर रहे हैं। सभी लोग मास्क पहनकर दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं देव समाज से जुड़े लोग भी लोगों को मास्क वितरित करते हुए दिखाई दिए।
उपायुक्त ने इस बात पर चिंता जताई के कुछ लोग देवी देवताओं को नजराना की बात पर विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते माह 25 तारीख को अटल सदन में जिला के समूचे देव समाज के प्रतिनिधियों, कारदारों, पुजारियों ने जरनल हाउस में सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि इस बार व्यापारिक गतिविधियों के ना होने के कारण वह देवी देवताओं के नाम पर नजराना नहीं लेंगे। इस जनरल हाउस में अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव समिति के समस्त पदाधिकारी, जिनमें जिला के समस्त विधायक, भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीवरदार भी उपस्थित थे। जरनल हाउस में देव समाज के प्रतिनिधियों ने बारी-बारी से नजराना को लेकर अपने विचार रखें और अंत में एक स्वर में यह निर्णय लिया कि नजराना नहीं लिया जा सकता क्योंकि व्यापारिक गतिविधियों के ना होने से समिति को किसी प्रकार की आय का कोई साधन नहीं है।
डीसी ने देव समाज से जुड़े लोगों से आग्रह किया है कि वह जनरल हाउस में सामूहिक तौर पर लिए गए निर्णय का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि मीडिया में नजराना को लेकर बयानबाजी करना आदर्श परंपरा नहीं है और इससे अपने ही निर्णय का विरोधाभास होगा। उन्होंने कहा कि नजराना पर कुल्लू में जनरल हाउस के निर्णय को शिमला में अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा राज्य स्तरीय समिति की बैठक के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया था और समिति ने देव समाज के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।
उधर, जिला कारदार संघ के अध्यक्ष ने भी समूचे देव समाज से अपील की है कि नजराना को लेकर जनरल हाउस के निर्णय को स्मरण करके इसका सम्मान करें।
उन्होंने कहा कि जनरल हाउस में यह भी निर्णय लिया गया था कि घाटी के देवी देवता दशहरा उत्सव में जिला प्रशासन द्वारा निमंत्रण के उपरांत ही आएंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सभी पंजीकृत 332 देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजकर देव आस्था का पूरा सम्मान किया, इसके लिए देव समाज जिला प्रशासन का आभारी है। यही नहीं देवी देवताओं के लिए ढालपुर मैदान में यथोचित व्यवस्थाएं भी बनाई।
आशुतोष गर्ग ने जिलावासियों से अपील की है कि ढालपुर मैदान में देव दर्शन के दौरान सामाजिक दूरी का ख्याल रखें और हर समय अच्छे से मास्क पहनकर रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और ऐसे में किसी भी व्यक्ति को लापरवाही नहीं बरतनी है। उन्होंने लोगों से कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज 84 दिन के अंतराल में तुरंत से लगवाने के आग्रह किया है।