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हिमाचल प्रदेश ग्रामीण विभाग द्वारा
स्वयम् सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिये आयोजित किए गए सरस मेले के दूसरे
दिन वन मंत्री श्री राकेश पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर श्री
राकेश पठानिया ने स्वयम् सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का निरीक्षण किया।
वन मंत्री ने वन विभाग में जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत तैयार किये गये
उत्पादों जैसे चीड् की पत्तियों से बने फ़ूलदान, टोकरी, गमला, बुनाई के शाल, जैकेट, टौर के
पतों की प्लेट, टोपियों व खाद्य उत्पाद जैसे खोआ, कोदरा (मन्ढ्ल) का आटा, आचार, बड़ी
इत्यादि की जमकर सरहाना की। उन्होने कहा की जाइका वानिकी परियोजना के माध्यम से
ग्रामीण महिलाएं 10 से 15 हज़ार रुपये मासिक आय प्राप्त कर रही हैं। बाकि अन्य संस्थाओं
को भी जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत काम कर रहे स्वयम सहायता समूहो से प्रेरणा
लेनी चाहिए, उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मोदी जी के सपने को सच में
जाइका वानिकी परियोजना कर रही है। जाइका वानिकी परियोजना पहले प्रदेश के 6 जिलों में
कार्य कर रही थी पर अब 7 वे जिले के रुप में कांगडा जिले को भी शामिल कर दिया गया
है इसके लिये उन्होने जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक श्री नागेश कुमार
गुलेरिया के अथक प्रयासों की जमकर सरहाना की। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी पालमपुर
व वन विभाग सहित अन्य विभागों के आलाअधिकारी मौजूद रहे।