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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट के सकारात्मक प्रभाव व वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर आयोजित वेबिनार को आज नई दिल्ली से संबोधित किया जिसमें उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने प्रदेश के सीमावर्ती गांव के विकास को लेकर पाॅवर प्वांइट प्रेसेन्टेशन के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों में तीव्रता लाने के लिए सुझाव व विचार प्रस्तुत किए।
उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिले के लगभग कुल 158 गांव सीमा क्षेत्र से लगते हैं जिनमें किन्नौर जिला के 129 गांव व 69 गांव लाहौल-स्पीति जिले के हैं। उन्होंने बताया कि 39 गांव एल.ए.सी से 10 से 20 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं। उन्होंने कहा कि जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों के 20 गांव शैडो-विलेज श्रेणी में तथा 40 गांव लोअर-सिग्नल श्रेणी में आते हैं जहां पर दूर-संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 450 कि.मी. आॅप्टीकल फाईबर बिछाने की आवश्यकता है जिस पर लगभग 50 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना स्वरोजगार अवसरों को बढ़ावा देने व आजीविका सृजन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है जिस पर प्रदेश सरकार द्वारा 25 से 30 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों के युवा उद्यमियोें को 15 प्रतिशत अतिरिक्त उपदान दिया जाए ताकि ये युवा स्थानीय स्तर पर उद्यम स्थापति कर स्वरोजगार व रोजगार सृजित कर सकें।
उन्होंने कहा कि जिले के सीमावर्ती गांव में प्रत्येक घर में चरणबद्ध तरीके से 250 वाॅट रूफ-टाॅप सोलर उर्जा सयंत्र लगाने की आवश्यकता है जिस पर भी लगभग 50 लाख रुपये व्यय होंगे।
उन्होंने किन्नौर जिला की एल.ए.सी के नजदीक की चाटियां जिन्हें स्थानीय भाषा में कंडा कहते हैं में स्थानीय लोगों द्वारा ग्रीष्म ऋतु के दौरान मटर, राजमाह आदि की खेती की जाती है साथ ही वे इस दौरान अपनी भेड़ें व बकरियों को भी यहीं पर चाराग्राहों में ले जाते हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियां भी इन कंडों में आयोजित की जाती हैं। इन कंडों को सड़क सुविधा से जोड़ने की आवश्यकता है, इसके अलावा पेयजल, विद्युत, सिंचाई व दूर-संचार सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि हितधारकों को जागरूक करने तथा स्थानीय लोगों की विकासात्मक कार्य योजनाओं में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष ग्राम सभा आयोजित की जा रही है ताकि ग्राम स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर आधारित प्राकृतिक स्त्रोतों को और सुदृ़ढ़ किया जा सके।
उन्होंने सीमावर्ती गांव में सामुदायिक अधोसंरचना के तहत बहु-उद्देशीय सामुदायिक भवन व खेल मैदान के निर्माण का भी सुझाव दिया। उन्होंने सीमावर्ती गांव में पर्यटन से संबंधित गतिविधियां जिनमें रज्जू-मार्ग, स्कींग अधोसंरचना, ईको-पर्यटन, होम-स्टे, स्काई-वाॅक शामिल हैं के अलावा स्थानीय युवाओं को इससे संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने सीमा के बिल्कुल नजदीक बसं गांव को छोड़कर अन्य स्थानों के लिए इन्नर-लाईन परमिट देने में उदार नीति अपनाने का सुझाव दिया और विदेशी पर्यटकों को ताबो तक जाने की अनुमति देने को भी कहा। इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेगी।
उन्होंने वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों के लिए एफ.सी.ए के अंतर्गत दी जाने वाली मंजूरी में छूट देने तथा आवासीय योजना के तहत दी जाने वाली सहायता मापदण्डों में छूट देने तथा भवन निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि को डेढ़ लाख रुपये से 3 लाख रुपये करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मापदण्ड में भी छूट देने तथा जिले में राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय जनजातीय उत्सव आयोजित करने का भी सुझाव दिया।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत कोठी के प्रधान ओम प्रकाश ने जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में दूर-संचार नेटवर्क व सड़क सुविधाएं सुदृढ़ करने का आग्रह किया।
जिले के मूरंग गांव के प्रगतिशील किसान जीत राम नेगी ने कहा कि जिले के अनेक किसान आज प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लिए अलग से विपणन सेवा सृजित करने व प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों को राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले विभिन्न प्रदर्शनियों व आयोजनों में स्टाॅल उपलब्ध करवाने व किसानों को अधिक से अधिक एक्सपोशर विजिट करवाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न व आई.टी.डी.पी की परियोजना अधिकारी बिमला वर्मा उपस्थित थे।