बर्बादी है नशे की मंजिल, स्वयं भी बचे-अपनों को भी बचाएं: ऋचा वर्मा
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के मौके पर उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा है कि नशीले पदार्थों के सेवन से सर्वदा दूर रहें। नशा व्यक्ति को बर्बादी की ओर ले जाता है। व्यक्ति के आर्थिक, मानसिक और सामाजिक पतन का कारण बनता है। अनेक बीमारियां व्यक्ति को घेर लेती हैं। अकेले नशेड़ी को ही नहीं, बल्कि समूचे परिवार को संकट में डाल देता है।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और यह आवश्यक है कि आरंभिक अवस्था से ही उनकी गतिविधियों, दोसतों और आस-पास के माहौल पर कड़ी निगरानी रखी जाए। घरांे मंे बच्चों के साथ हमेशा दोस्ताना व्यवहार रखें। छोटी आयु के बच्चे बड़े संवेदनशील और जिज्ञासु होते हैं जिसके कारण जल्द ही अनेक प्रकार के व्यसनों की ओर आकर्षित हो जाते हैं। कई बार युवा नशीले पदार्थों के सेवन को आधुनिकता से जोड़कर देखते हैं और बड़ी भूल कर बैठते हैं। केवल स्वाद जानने से शुरूआत होती है व्यसन की और धीरे-धीरे व्यक्ति नशे के चंगुल में फंसता जाता है।
उपायुक्त ने कहा कि अधिकांश नौजवान समाज के लिए बड़ा योगदान कर रहे हैं। अनेक प्रेरणादायी कार्य कर रहे हैं। ऐसे युवाओं से उन्होंने आग्रह किया कि वे दूसरों को भी सही राह दिखाने का कार्य करें ताकि एक बेहतर समाज की स्थापना हो सके। उन्होंने चिंता जाहिर की कि कुल्लू जिला नशीले पदार्थों के कारोबार के लिए जाना जाता है और आए दिन यहां किसी न किसी तस्कर को पकड़ा जाता है। हमें इस कलंक से बाहर निकलना है। इसके लिए जिले के प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग करना होगा।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कियुवाओं को नशे से दूर रखने में महिलाएं अह्म भूमिका निभा सकती हैं। महिलाओं का घर-परिवार व समाज में अच्छा वर्चस्व है। घर-परिवार में यदि कोई सदस्य नशा करता है तो महिला उसका खुलकर विरोध कर सकती है, समझा सकती है और रोक सकती है। लगभग सभी गांवों में महिला मण्डल बनें हैं। महिलाओं को अपने गांव के एक-एक व्यक्ति का पता होना स्वाभाविक है। सभी महिलाएं मिलकर भी इस बुराई से व्यक्ति को बचा सकती हैं। उन्होंने विशेषकर महिलाओं को आगे आने का आग्रह करते हुए कहा कि नशीले पदार्थों की खेती को हतोत्साहित करें। इससे घर-परिवार और समाज सुखी बनेगा। अपने भविष्य को बेहतर और सुनहरा बनाने के लिए आज ही युवाओं को नशे जैसी बुराई से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए।