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मंडी, 31 जुलाई : ग्रामीण क्षेत्रों में संपोषनीय प्रबंधन हेतु निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित पेयजल सिंचाई जल संचयन, जल संरक्षण और जल प्रबन्धन योजनाओं में विभिन्न विभागों में परस्पर समन्वय को लेकर आज उपायुक्त कार्यालय में बैठक आयोजित की गई ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत जल संचयन, भू-जल संरक्षण, जल प्रबन्धन के तहत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में वर्षा जल संचयन का पूर्ण दोहन करने के लिए नदी, नालों पर छोटे-छोटे बांध बनाना व परम्परागत जल स्रोत्रों जैसे नालों, कुंओं, बावड़ियों, नहरों व सूखे तथा बेकार पड़े हैंड पम्पों द्वारा भू-जल का फिर से ग्रांउड वाटर रिचार्ज शामिल है।
उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में चार जगह पर्वत धारा योजना के तहत काम प्रस्तावित है। स्थल चयन के लिए 5 अगस्त को थुनाग और 10 अगस्त को धर्मपुर में साईट विजिट किया जाएगा।
सदस्य सचिव एवं अधीशाषी अभियन्ता (रूपांकन) जल शक्ति वृत सुन्दरनगर सत्या शर्मा ने योजना के मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में अधिशाषी अभियन्ता थुनाग और धर्मपुर ने अपने-अपने पायलट प्रोजैक्ट बारे विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर उप निदेशक कृषि विशाल शर्मा, जिला योजना अधिकारी जवाहर लाल वर्मा, एआरओ बागवानी नरेन्द्र पाल चड्डा, सहायक निदेशक मत्स्य विभाग खेम सिंह ठाकुर के अलावा आर.के.सैनी, राकेश पराशर, नवीन कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे