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आत्मसमर्पित भाव से दे रहे थैरेपी सेवाएं :- मनोरमा”

उपरोक्त कथन श्रीमती मनोरमा देवी जिला रोजगार अधिकारी कुल्लू नें साम्फ़िया फ़ाउंडेशन द्वारा संचालित आश बाल विकास केंद्र के दौरे के दौरान कहे ।

उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को कम उम्र में थेरेपी विधि से इलाज करना बेहद आवश्यक है और हम भाग्य शाली है कि कुल्लू में साम्फ़िया फ़ाउंडेशन इस तरह की सेवाएँ दे रहा है । उन्होंने कहा कि दिव्यांगता के विषय में  आश बाल विकास केंद्र सराहनीय कार्य कर रहा है और केंद्र का स्टाफ जिस आत्मसमर्पित भाव, लगन व मेहनत से बच्चों को थेरेपी सेवाएँ दे रहा है वो अत्यंत सरहानीय है |  आज दिव्यांग बच्चों के लिए एक समावेशी दुनिया का होना अत्यंत आवश्यक है,और आने बाले समय में पंचायत स्तर पर दिव्यांगता के विषय में जागरूकता अभियानों के लिए वे केंद्र का हर संभव सहयोग करेंगे ।

निदेशक रेखा ठाकुर जानकारी नें देते हुए कहा कि आश बाल विकास केंद्र सम्फ़िया फ़ाउंडेशन का एक उपक्रम है और आज डॉक्टर जयबंती जी का केंद्र में निरीक्षण करना हमारे केंद्र के लिए सौभाग्य की बात है उन्होंने कहा पिछले कुछ वर्षों से केंद्र दिव्यांगता के विषय पर अपनी सेवाएं दे रहा है और वर्तमान समय में 3 मुख्य बिंदुओं पर कार्य कर रहा है जिसमें सर्वप्रथम दिव्यांग बच्चों को केंद्र में ही थेरेपी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं दूसरा थेरेपी ऑन व्हील यह कैसा माध्यम है जिसमें बस के माध्यम से दूर-दराज के गांव में जाकर दिव्यांग बच्चों को थेरेपी सेवाएं दी जाती है इसके साथ ही तीसरा अहम बिंदु जिसमें जागरूकता के विषय पर कार्य किया जाता है जिसका एकमात्र उद्देश्य है कि दिव्यांग बच्चों के लिए एक समावेशी दुनिया का निर्माण किया जा सके उन्होंने कहा केंद्र में सभी तरह के योग्य स्टाफ उपलब्ध हैं जो दिव्यांग बच्चों को सभी तरह की थेरेपी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं मुख्यता फिजियोथैरेपी,ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, स्पेशल एजुकेशन एवं बच्चों के माता-पिता को काउंसलिंग सेवाएं प्रदान की जाती है |

 बीजू कार्यक्रम प्रबंधक साम्फ़िया फ़ाउंडेशन ने कहा कि विभागों के प्रमुख अधिकारियों एवं चिकित्सकों का केंद्र निरीक्षण करना दिव्यांगता के विषय में कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण तथ्य साबित होता है |