मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रालय से हेलीपोर्ट निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया
जय राम ठाकुर ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की
जिला मंडी के नागचला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विपकोस लिमिटेड कंसल्टेंट्स को लिडार सर्वेक्षण का कार्य शीघ्र आरंभ करना चाहिए ताकि इस हवाई अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मंडी जिले में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की योजना बनाई है जो न केवल पर्यटन विकास को बढ़ावा देगा बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा। वित्त आयोग ने भी इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ए-320 प्रकार के एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की आवश्यकता है। वर्तमान में यह हवाई अड्डा 72 सीटर एयर क्राफ्ट की लैंडिंग के लिए ही उपयुक्त है। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के अधिकारियों को संबंधित प्राधिकरण को व्यावहारिकता अध्ययन और ओएलएस सर्वेक्षण के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का दौरा करना चाहिए ताकि रन-वे के विस्तारीकरण और मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा सके। प्रदेश सरकार ने पहले ही मास्टर प्लान के प्रारूप को स्वीकृति दी है।
उन्होंने कहा कि लोड पेनल्टी से बचने के लिए कुल्लू हवाई अड्डे के वर्तमान रन-वे को भी 660 मीटर तक बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए ब्यास नदी को परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने ओएलएस सर्वेक्षण के लिए इस हवाई अड्डे का दौरा किया था लेकिन अभी तक रिपोर्ट आनी बाकी है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में उड़ान-2 के तहत पांच हेलीपोर्ट बनाए जा रहे हैं जिनमें जिला मंडी के कंगणीधार, जिला शिमला के संजौली और रामपुर, जिला सोलन के बद्दी और जिला कुल्लू के सासे (मनाली) हेलीपोर्ट शामिल हैं। इन हेलीपोर्ट के निर्माण से पर्यटकों को बेहतर हवाई संपर्क सुविधा उपलब्ध होने से यहां पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। शिमला के हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है जहां इस वर्ष 3 जनवरी को जीएडी के हेलीकाॅप्टर ने ट्रायल लैंडिंग भी की है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इन सभी हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया ताकि इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके। उन्होंने शिमला हेलीपोर्ट में फ्लाइटों की अधिक आवाजाही की संभावनाओं को देखते हुए एमआई-172 जैसे हेलीकाॅप्टर की रात्रि पार्किंग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने मंत्रालय से मंडी हेलीपोर्ट का कार्य तीन माह के भीतर पूरा करने का आग्रह किया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि मंत्रालय इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन यूनुस ने आरसीएस उड़ान-2 के तहत हेलीपोर्ट्स के विकास पर प्रस्तुति दी।
मुख्य सचिव अनिल खाची, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव उषा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण जेसी शर्मा, एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया योजना के सदस्य अनिल कुमार पाठक, सीएमडी पवन हंस लिमिटेड संजीव राजदान, सचिव पर्यटन देवेश कुमार, उप निदेशक डीजीसीए सत्य प्रकाश राय और अन्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।