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राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर है और उन्हें भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देने की जरूरत है। उनका ज्ञान, क्षमता और तकनीक को देश और समाज की भलाई के लिए उन्हें इस तरह के कार्य करने चाहिए, जो समाज में उदाहरण बने और उन्हें स्वयं इसका एहसास हो, तभी उनके द्वारा अर्जित डिग्री महत्वपूर्ण साबित होगी।

राज्यपाल आज वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) ऊना के दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम समाज को अपने जीवन से अलग नहीं कर सकते और समाज के बिना हम सब अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि डिग्रीधारकों को यह समझना चाहिए कि जो भी सफलता हासिल की है वह समाज के सहयोग से ही संभव हुई है। उन्होंने कहा कि आईआईटी स्नातक अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और समाज उनकी तरफ आशा से देख रहा है।

उन्होंने कहा कि डिग्री का सीमित अर्थ है। लेकिन अगर हम समाज के भीतर जाएं तब हमें इसकी प्रासंगिकता समझ आती है। समाज ने हमें हर कदम पर प्रोत्साहित किया है और भविष्य की चुनौतियों का सामना समाज के योगदान के बिना नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए परिवर्तन पर बल दे रही है और इस शिक्षा नीति के माध्यम से राष्ट्र को नई गति मिलेगी।

श्री आर्लेकर ने कहा, लगभग दो साल के अंतराल के बाद, हम अपने छात्रों को स्नातक उपाधि प्रदान करने वाले दीक्षांत समारोह का आयोजन कर रहे हैं जो वास्तव में इस देश के भविष्य निर्माता हैं।

उन्होंने डिग्री धारकों को बधाई देते हुए कहा कि इस दौर से गुजरने वाले छात्रों का अनुभव अलग रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से हम एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहे हैं। कोविड-19 वायरस ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है और हम इससे बाहर आ रहे हैं।

एक राष्ट्र के रूप में हम सब एक दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जो इस महामारी के खिलाफ इस पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, हर किसी के लिए चिंतित हैं। प्रत्येक व्यक्ति इस अभियान में शामिल हो रहा है, जो इस अभियान की सफलता है।

इस अवसर पर केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य है। उन्होंने स्नातकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अमृतकाल के आगामी 25 वर्ष सभी के लिए महत्त्वपूर्ण हैं और हम सभी भाग्यशाली हैं कि हम इस अवधि के साक्षी बनेंगे। आज समाज सूचना प्रौद्योगिकी की ओर शीघ्रता से बढ़ रहा है और सभी क्षेत्र प्रौद्योगिकी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया जैसी पहल इसी पर ही आधारित है।

उन्होंने कहा कि आज के युग में सभी को किसी न किसी प्रकार की डिजिटल जीवन शैली अपनानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि महामारी के उपरान्त जिस युग में हमने कदम रखा है, वहां पर सभी को किसी न किसी प्रकार से तकनीक से जुड़ना पड़ेगा।

इससे पूर्व, आईआईआईटी ऊना सीनेट के निदेशक एवं अध्यक्ष प्रोफेसर एस. सेल्वा कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट भी पढ़ी।

आईआईआईटी ऊना के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष और भारत सरकार के उच्च शिक्षा मंत्रालय के सचिव के. संजय मूर्थी, गवर्निंग बॉडी तथा विभिन्न समितियों के अन्य सदस्य भी इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।