लोक निर्माण निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार देर सायं नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर आगामी बरसात के दृष्टिगत प्रदेश की विभिन्न सड़क परियोजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया।
केन्द्रीय मंत्री ने लोक निर्माण मंत्री के आग्रह पर जिला शिमला में केन्द्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अंतर्गत खमाड़ी-टिक्कर सड़क के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।
लोक निर्माण मंत्री ने यह धनराशि स्वीकृत करने के लिए श्री गडकरी का आभार व्यक्त किया।
विक्रमादित्य सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्गांे को जोड़ने वाली लोक निर्माण विभाग की सड़कों की मरम्मत के लिए केन्द्रीय मंत्री द्वारा पूर्व में घोषित 150 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून को ध्यान में रखते हुए यह धन राशि महत्त्वपूर्ण है।
उन्होंने मंडी जिले में कमांद-कटौला और चैलचौक-पंडोह सड़कों के रखरखाव एवं मरम्मत के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पहले से प्रस्तुत 30 करोड़ रुपये के अनुमानों को भी शीघ्र स्वीकृत करने का आग्रह किया क्योंकि यह वैकल्पिक सड़क मार्ग ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने में काफी सहायक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में यह सड़कें महत्त्वपूर्ण हैं और लोगों और पर्यटकों की सुविधा एवं कुल्लू-मनाली ट्रैफिक समस्या के समाधान में इन सड़कों का रख-रखाव महत्त्वपूर्ण है।
लोक निर्माण मंत्री ने अवगत करवाया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केन्द्रीय मंत्री के साथ शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग को टू-लेन की बजाय फोर-लेन के रूप में निर्मित करने का मामला पहले ही उठाया है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों को एक समान उन्नयन के लिए एनएचएआई की संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं वार्षिक मसौदा योजना (ड्राफ्ट एन्नुअल प्लान) से हटा दी गई हैं। उन्होंने इन परियोजनाओं को वार्षिक योजना 2024-2025 में शामिल करने का अनुरोध किया।
लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 के एक हिस्से के सुधार के लिए केन्द्रीय मंत्रालय की प्रस्तुत 70 करोड़ रुपये की अनुमाति राशि भी लंबित है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आगामी अगस्त माह में मणिमहेश यात्रा के दृष्टिगत इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
केन्द्रीय मंत्री ने प्रदेश को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
प्रमुख अभियंता एनपी सिंह, मुख्य अभियंता सुरेश कपूर बैठक में उपस्थित थे।
.0.