Sat. May 18th, 2024

मई को पुरे विश्वभर में विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में रेड क्रॉस के
संस्थापक जीन हेनरी डुनॉट की जयंती के रूप मनाया गया। इस वर्ष रेडक्रॉस दिवस का
विषय "मानवीय बनें" के विषय पर मनाया गया। इस विषय हमारे चारों ओर दयालुता के
कृत्यों को व्यक्त करने के अवसरों के बारे में है। दयालुता के कार्य में एक लहर प्रभाव को
जगाने की शक्ति है। हमारे कृत्यों को अनुकरणीय और अनुकरणीय होना चाहिए।
इसलिए, इस विश्व रेड क्रॉस दिवस पर, हमें दयालुता के कृत्यों का जश्न मनाना चाहिए
और यह दिखाना चाहिए कि कैसे, एक साथ, उनका वैश्विक प्रभाव है। आइए दुनिया हम
सभी "मानव दयालु बनें"।

इसी विषय को मध्यनजर रखते हुए जिला रेडक्रॉस सोसाइटी, मंडी द्वारा
8 मई, 2022 का दिवस जिला स्तर पर रक्त दान शिविर का आयोजन सामुदायिक भवन
सुन्दर नगर में किया गया1 जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता श्री राकेश
जमवाल, माननीय विधायक सुन्दर नगर द्वारा की गई। इस अवसर जिला
प्रशासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व हिमालयन ब्लड डोनर संस्था के
सयुंक्त तत्वाधान में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में 250 लोगों ने
भाग लिया व 74 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इसके साथ विश्व रेडक्रॉस दिवस की
निर्धारित विषय के अनुरूप कु० पूर्वा सपुत्री श्री सुनील कुमार, निवासी पुन्घ, डाकघर व
तहसील सुंदर नगर जो कि 75% दिव्यांग है व श्री नगु राम सपुत्र श्री बंसी राम, गाँव
भुवाना, डाकघर जड़ोल, तहसील सुंदर नगर जो कि लगभग 100 प्रतिशत दिव्यांग को एक
एक व्हील चेयर उपलब्ध करवाई गयी। इसी के साथ जिला रेडक्रॉस सोसाइटी, मंडी ने
निर्णय लिया है कि रेडक्रॉस दिवस को सप्ताह भर मनाया जायेगा, जिसके अंतर्गत उप-
मंडल स्तर पर भी रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जायेगा। एकत्रित रक्त को
मानवता की सेवा में समर्पित किया जायेगा।

इस अवसर पर श्री विवेक चंदेल, निदेशक, हिमाचल प्रदेश तकनिकी शिक्षा
विभाग 35वीं बार रक्तदान किया। इस अवसर पर उन्होंने आम जनता व विशेष रूप से

युवाओं से आह्वान किया कि रक्त एक ऐसी वस्तु है जो कि केवल मानव शरीर से प्राप्त
की जा सकती है। रक्त का प्रयोग किसी दुर्घटना से घायल व्यक्ति व ऑपरेशन के दौरान
गर्भवती महिलाओं व आपातकालीन स्थिति में रक्त की निन्तांत आवश्यकता रहती है।
इस स्थिति में युवा जो कि 18 से 45 वर्ष के हैं उन्हें वर्ष में लगभग एक बार रक्तदान
अवश्य करना चाहिए।

इस अवसर पर श्री अरिंदम चौधरी, उपायुक्त, मण्डी, जिला मण्डी ने
अवगत कराया कि इस बार विश्व रैडक्रास दिवस का मूल विषय है ‘‘मानवीय बने’’ है।
उन्होने बताया कि जिला रैडक्रास सोसायटी, मण्डी भी इस विषय में कार्य कर रही है।
उन्होने कहा कि रैडक्रास सोसायटी मण्डी द्वारा जहां गरीब व असहाय रोगियों को
उपचार हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है साथ ही आम रोगियों की सुविधा
हेतु एक्स-रे, ई0 सी0 जी0, इन्टैसिव केयर यूनीट, फोटोथेरिपी यूनीट, रोगी वाहन व
फिजियाथेरैपी की सुविधाओं के साथ साथ अत्यन्त कम दरों पर लैबोरेटरी की सुविधा भी
उपलब्ध कराई जा रही है। जिला रैडक्रास सोसायटी मण्डी जो कि जिला मण्डी में अनेक
प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर रही है। जिला रैडक्रास सोसायटी जो आम जनता
को स्वास्थय सुविधओं के साथ गरीब, असहाय, शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को
आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। मानवीय बने के मूल्य अनुरूप जिला रेडक्रॉस
सोसाइटी, मंडी द्वारा “संवेदना” कार्यक्रम शुभारम्भ

इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश विकलांग
व्यक्ति अपने घरों तक ही सीमित हैं। इसलिए, ऐसे व्यक्ति की स्वास्थ्य देखभाल को
प्राथमिकता की नितांत आवश्यकता होती है इसलिए भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, जिला
शाखा, मंडी ने मंडी जिले के विकलांग व्यक्तियों को उनके दरवाजे पर स्वास्थ्य देखभाल
प्रदान करने की पहल की है। यह भी देखा गया है कि कुछ व्यक्ति विकलांगता प्रमाण पत्र,
आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की अनुपलब्धता के कारण विभिन्न योजनाओं की
सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं।

मंडी जिला के दूर-दराज के क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्ति जो कि किसी दुर्घटना
या बीमारी के कारण दिव्यांग हो चुके हैं व अपना जीवन बिस्तर पर ही व्यतीत कर रहे हैं
के सहातार्थ व पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन, जिला रेड क्रॉस मंडी, स्वास्थ्य और परिवार
कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, पंचायती राज और महिला
एवं बाल विकास विभाग के सयुंक्त तत्वाधान में “संवेदना” कार्यक्रम संचालित किया जा
रहा है। इस कार्यक्रम में जिला मण्डी में निवास करने वाले विशेष योग्यता (शारीरिक एवं
मानसिक दोनों) वाले व्यक्ति को अपनी आत्म-देखभाल और स्वतंत्र जीवन जीने के लिए
सक्षम बनाने हेतु सहायता तथा उपकरण उपलब्ध करवाए जायेंगे ताकि यह दिव्यांग
व्यक्ति अपना जीवन भली प्रकार गुजार सकें। संवेदना कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के
जरूरतमंदों, बीमारों और कमजोर लोगों के कल्याण के लिए अलग-अलग तरीकों से से
सहयोग किया जाता है कि गरीब मरीजों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, विशेष
योग्यता वाले व्यक्ति और रोगग्रस्त व्यक्तियों के कल्याण के अपने लक्ष्य की प्राप्ति के
लिए, सोसायटी ने विशेष विकलांग व्यक्तियों तथा उनके दैनिक जीवन को और अधिक
आरामदायक बनाने के लिए मुफ्त सहायता तथा उपकरण प्रदान करने की पहल की है। ये
सहायक उपकरण/उपकरण विकलांग व्यक्तियों के दैनिक कार्यों/गतिविधियों को सुचारू
रूप से चलाने के लिए आवश्यक व मददगार है। इस पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित
किया जायेगा कि कि सभी पात्र व्यक्तियों को राज्य सरकार की प्रमुख सेवाओं जैसे
"सहारा योजना" विकलांगता पेंशन योजना के तहत कवर किया जाएगा, साथ ही ऐसे
रोगियों के दैनिक जीवन को और अधिक आरामदायक बनाने के लिए आवश्यक उपकरण
प्रदान किए जाएंगे।

इस अवसर पर श्री धर्मेश कुमार, हि० प्र० से०, उप-मंडलाधिकारी (ना०),
उप-मंडल सुंदर नगर ने अपने सम्बोधन में कहा कि रैडक्रास सोसायटी एक अन्तराष्ट्रीय
स्वयंसेवी संस्था है जो विश्वभर में मानव सेवा का कार्य कर रही है। उन्होने बताया कि
रैडक्रास के जन्मदाता जीन हैनरी ड्यूनॉट 8 मई 1828 ई0 करे स्विज़रलैण्ड, जिनेवा में
हुआ था। उनकी याद में 8 मई का दिन विश्व भर में विश्व रैडक्रास दिवस के रूप में मनाया

जाता है। सर जीन हैनरी ड्यूनॉट व्यापार के सिलसिले में इटली जा रहे थे व रात्री विश्राम
हेतु सेलफेरिनो नामक स्थान में एक धर्मशाला में ठहरे थे व रात्री के सन्नाटे में कहराने,
रोने, चिल्लाने की आवाजें सुनाई दी। वह सेलफेरिना मैदान में पहुचे जहां आस्ट्रिया व
फ्रांस दानों देशों में लड़ाई चल रही थी। दोनों देशों के घयल सैनिक तड़प रहे थे। सर जीन
हैनरी ड्यूनॉट ने वहां के स्थानीय लोगों की सहायता से घायल सैनिकों का उपचार किया
इसके उपरान्त इस 14 राष्ट्रों को आमंत्रित कर एक संस्था बनाने का निश्चय किया, जो
युद्ध के समय घायल सैनिकों व उनके परिवार जनों की सेवा करके व शान्ति के समय
प्राकृतिक विपदाओं से पीड़ित लोगों की सेवा कर सकें। उसी के उपरान्त इस संस्था का
नाम रैडक्रास रखा गया जिसका चिन्ह सफेद पृष्ठभूमी पर लाल क्रास निश्चित किया
गया। आज विश्व भर में यह संस्था मानव सेवा में कार्य कर रही है। अन्तराष्ट्रीय रैडक्रास
की स्थापना अक्तुबर 1863 को जिनेवा में की गई थी। तब से लेकर अब तक रैडक्रास का
कार्यक्षेत्र बढ़ता ही गया है। आज यह संस्था हमारे देश में ही नही अपितु पूरे विश्व में
मानव सेवा मे कार्य कर रही है।

इस अवसर पर श्री ओ0 पी0 भाटिया, सचिव, जिला रैडक्रास सोेसायटी
मण्डी ने बताया कि सोसायटी के विस्तार हेतु भारतीय रैडक्रास सोसायटी के राष्ट्रीय
कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा जूनियर रैडक्रास व युवा रैडक्रास का गठन किया गया है।
जूनियर रैडक्रास वर्ग में जिला के सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में 10$2 तक के छात्र-
छात्राऐं जिनकी आयु 17 वर्ष से कम हो को पंजीकृत किया जाएगा साथ ही 17 वर्ष से 30
वर्ष की आयु तक युवा रैडक्रास में पंजीकृत होंगे। उन्होने अवगत कराया कि इच्छुक
शिक्षण संस्थान किसी भी कार्य दिवस में अपना पंजीकरण जिला रैडक्रास सोसायटी
मण्डी के कार्यलय में करवा सकते हैं। उन्होने अवगत कराया कि जुनियर रैडक्रास व यूथ
रैडक्रास से पंजीकृत समस्त शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य के
साथ साथ अन्य सहपाठियों व मित्रों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता रखते हुए रैडक्रास
द्वारा संचालित गतिविधयों की जानकारी भी जनमानस तक पंहुचायेगें।