वृद्धजनों को आत्मनिर्भरता जैसा एहसास देती है वृद्धावस्था पेंशन
कराणा निवासी नौल राम और डोलमा देवी ने पेंशन के लिए किया सरकार का धन्यवाद
आनी, वृद्धजनों के लिए सरकार द्वारा दी जा रही पेंशन आत्मनिर्भरता जैसा एहसास देती है। बुजुर्गों के छोटे मोटे खर्च पेंशन से पूरे हो जाते हैं। आनी उपंडल के कराणा निवासी नौल राम और उनकी पत्नी डोलमा देवी ये बात कहते हुए बताते हैं कि सरकार ने उनकी पेंशन में हाल ही में इजाफा कर भी बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है। नौल राम का कहना है कि जयराम सरकार ने बिना शर्त पेंशन लेने की उम्र 80 साल से 70 साल कर बुजुर्गों को सबसे बड़ी राहत दी है। ऐसा कर सरकार ने हजारों बुजुर्गों को पेंशन के तौर पर एक आसरा दिया है।
उनकी पत्नी डोलमा देवी का कहना है कि लॉकडाउन में सरकार ने समय पर एक साथ तीन महीने की पेंशन देकर हम बुजुर्गों का मान रखा है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान पेंशन बड़ा सहारा बनी। दोनों बुजुर्ग दंपती का कहना है कि बृद्धाव्स्था में दवा जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए खर्च होता रहता है और सरकार द्वारा दी जा रही पेंशन की वजह से इन खर्चों को पूरा करने के लिए किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ता।
नौल राम का कहना है कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने जीवन भर कठिन श्रम करके जीवन यापन किया है। बुढ़ापे में कोई सामाजिक सुरक्षा न होने के कारण चिंता होना स्वभाविक था लेकिन सरकार की वृद्धावस्था पेंशन ने सहारा दिया। दोनों बुजुर्गों ने पेंशन के लिए सरकार का धन्यवाद किया है।
आनी उपमंडल में 13300 लोगों को पेंशन दी जा रही है। सरकार ने लॉकडाउन के साथ एक साथ तीन माह की पेंशन जारी की है जिस पर 4.77 करोड़ रुपए व्यय हुआ है। सरकार का प्रयास है कि नए आवेदनों पर भी जल्द विचार कर लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन जारी की जाए।
प्रदेश में वृद्धजनों, विधवाओं, अपंगों और कुष्ठ रोगियों को राहत भत्ता के तौर पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। 60 साल के बाद 35 हजार रुपए से कम आय वाले बुजुर्गों को 1 हजार रुपए पेंशन दी जाती है। बिना किसी आय सीमा के 70 साल बाद 1500 रुपए की पेंशन बुजुर्गों को दी जा रही है, जिसकी आयु सीमा पहले 80 साल थी। सरकार के इस कदम से हजारों बुजुर्गों को फायदा हुआ है।
इसी तरह विधवा, एकल नारी, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिला 35 हजार रुपए से कम आय सीमा आदि शर्तें पूरी करने पर पेंशन की हकदार हैं। 40 फीसदी से ज्यादा अपंग लोगों और कुष्ठ रोगियों को भी सरकार औपचारिकताएं पूरी करने पर पेंशन जारी करती है। इस साल सरकार ने पेंशन को बढ़ाकर कम से कम 1 हजार रुपए कर दिया है