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शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग के साहित्यिक समाज, बेलेट्रिस्टिक ने प्रोफेसर तेज नाथ धर के उपन्यास “द टेल ऑफ़ ए बेलिएगर्ड सोल्जर” पर एक चर्चा का आयोजन किया।

सोलन, 26 सितंबर
शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग के साहित्यिक समाज, बेलेट्रिस्टिक ने प्रोफेसर तेज नाथ धर के उपन्यास “द टेल ऑफ़ ए बेलिएगर्ड सोल्जर” पर एक चर्चा का आयोजन किया।
प्रोफेसर धर, जिन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर में प्रोफेसर के रूप में काम किया है।उन्होंने इस उपन्यास को व्यापक रूप से लिखा और प्रकाशित किया है और इसके अलावा 12 पुस्तकों और सैकड़ों लेखों और समीक्षाओं का संपादन किया है। बेलेट्रिस्टिक सत्र में उन्होंने अपने उपन्यास पर चर्चा की जो एक बहु-आयामी कथा है।एक ऐसे चरित्र के इर्द-गिर्द केंद्रित है जिसका लोगों और घटनाओं के साथ सक्रिय और निष्क्रिय जुड़ाव कश्मीर के पेचीदा इतिहास को उजागर करता है। पुस्तक अपने दायरे में महाकाव्य है और साथ ही कश्मीर के सांस्कृतिक और राजनीतिक इतिहास को 200 से अधिक पृष्ठों में समेटने का प्रबंधन करती है।
सत्र की शुरुआत प्रोफेसर तेज नाथ धर द्वारा उपन्यास के बारे में संक्षिप्त परिचय के साथ हुई।

चर्चा का प्रारूप संवादी था जिसमें प्रोफेसर मंजू जैदका और प्रोफेसर तेज नाथ धर के बीच उपन्यास पर बातचीत हुई। जहां प्रफ़ेसर जैदका ने उपन्यास के विषय, संदेश, रूपरेखा और संरचना के बारे में प्रश्न पूछे।