सोलन, 1 अगस्त
एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सोलन स्थित शूलिनी विश्वविद्यालय ने उद्योग-अकादमिक साझेदारी के लिए नौ प्रमुख उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
विश्वविद्यालय, जिसने पहले से ही जैव-प्रौद्योगिकी और फार्मेसी के क्षेत्रों में अच्छे नाम कमाया है, वह केवल औपचारिक शैक्षणिक शिक्षा के बजाय उद्योगिक मांगों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जिन कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, उनमें मिन्चिस, रीगल किचन खाद्य पदार्थ, रोहिणी बायोकेयर , उपकार फार्मास्युटिकल्स, जुमुटोर बायोलॉजिक्स, फार्मेक्ससिल, नेक्टर लाइफ साइंसेज लिमिटेड और सिम्फनी टेक बायोलॉजिक्स हैं। Pharmexcil फार्मा उद्योग निकाय है और भारत सरकार द्वारा सपोनसरड है।
संस्थापक और प्रो कुलपति प्रो अतुल खोसला ने कहा कि समझौते संयुक्त अनुसंधान, पाठ्यक्रम के निर्माण और उद्योग के लिए गुणवत्ता प्रतिभावान छात्रों का निर्माण करने के लिए मदद करेंगे। उन्होंने खुलासा किया कि भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शूलिनी विश्वविद्यालय को जैव प्रौद्योगिकी, न्यूट्रास्युटिकल और फार्मा उद्योग के लिए एक फिनिशिंग स्कूल के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इन विषयों में स्नातक छात्र शूलिनी में छह महीने बिताएंगे, जिन्हें उद्योग निर्मित पाठ्यक्रम मे प्रशिक्षित किया जाएगा और फिर छह महीने उद्योग में इंटर्नशिप करेंगे।
भारत सरकार, डीबीटी इस पहल का वित्तपोषण करेगी। यह छात्र की सफलता के लिए शूलिनी के लिए एक नई शुरुआत और उद्योग के साथ साझेदारी की एक नई लहर होनी चाहिए। यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) उद्योग-अकादमिक साझेदारी को प्रोत्साहित करता है जैसे, छात्रों और संकाय का आदान-प्रदान, पाठ्यक्रम का उन्नयन, फार्मेसी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सयुंक्त अनुसंधान परामर्श