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मंडी, 15 फरवरी – एकीकृत सहकारी विकास परियोजना मंडी ने सोमवार को बल्ह क्षेत्र के गांव सकरोहा में सहकारी सभाओं के सदस्यों, सचिवों व किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया । शिविर में परियोजना अधिकारी राकेश ठाकुर ने सभाओं को अपने व्यापार में विविधता लाने को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि सभाएं सिर्फ सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कार्य ही ना करें, बल्कि बैंकिंग, उत्पाद विपणन जैसे क्षेत्रों की ओर भी बढ़े । इससे न केवल सभाओं का मुख्य उद्देश्य पूरा होगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे ।
उन्होंने मंडी जिला में चल रही 90 करोड़ की परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने कहा कि यह परियोजना लाभार्थियों के लिए बड़ी फायदेमंद रही है।
उन्होंने सभाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित बनाने पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी समाज एवं देश के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका एवं सहयोग होता है । उन्होंने कहा कि समाज को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु सहकारिता के समान कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता । उन्होंने कोविड- 19 संक्रमण जैसी बीमारियों से निपटने के लिए साफ सफाई पर जोर देने के लिए कहा तथा वहां उपस्थित सदस्यों को मास्क भी वितरित किए।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक शाखा नेरचौक के शाखा प्रबंधक कोमल लाल शास्त्री ने सदस्यों को सहकारिता के मूल सिद्धांतों एवं अमूल जैसी सहकारी क्षेत्र की समितियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से गरीबी को जड़ से खत्म किया जा सकता है । उन्होंने किसानों को सभाओं के माध्यम से हर प्रकार की खरीदारी करने को कहा जिससे उन्हें तथा सभाओं को लाभ पहुंच सके।
बैंक सहायक प्रबंधक अजय ठाकुर ने सदस्यों को आरडी, एफडी, इंश्योरेंस, ऋण, बचत आदि अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी दी ।
प्रशिक्षण शिविर में सहकारी सभा नैना भगवती के प्रधान मान सिंह राणा, सचिव जीवन सिंह यादव सहित 100 से अधिक सदस्य उपस्थित थे ।