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सीआईआई हिमाचल प्रदेश के 2020-21 के राज्य वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार की व्यापार में सुगमता की रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश ने 16वें स्थान से सातवें स्थान पर पहुंचकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इसमें और सुधार होगा जिससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए बेहतर माहौल तैयार होगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी के कारण समूचे विश्व के साथ भारत और हमारा राज्य हिमाचल प्रदेश भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद प्रदेश के उद्यमियों ने इस संकट का डटकर सामना किया और स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार व समाज को भरपूर सहयोग दिया। उद्योग जगत में पीएम केयर्ज और सीएम कोविड फंड के लिए भी उदारतापूर्वक अंशदान किया। इसके अतिरिक्त उद्योग जगत में जरूरतमंदों को मुफ्त राशन, मास्क और हैंड सेनेटाइजर भी वितरित किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समय रहते ठोस कदम उठाए और देश के विज्ञानियों को स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वार्षिक सम्मेलन के लिए रीगेनिंग दि ग्रोथ मोमेंटम विषय बहुत सामयिक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस आयोजन के परिणाम इस विषय की भावना के अनुकूल रहेंगे।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिला ऊना में 1405 एकड़ भूमि पर 1190 करोड़ रुपये की लागत के बल्क ड्रग पार्क परियोजना रिपोर्ट का प्रस्ताव केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा है। इस पार्क में लगभग आठ हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने और 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय होने की आशा है। इसमें प्रदेश के लगभग 15000 युवाओं को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का रसायन व उर्वरक मंत्रालय इस पार्क के लिए एक हजार करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान करेगा। प्रदेश सरकार ने सोलन जिला के नालागढ़ में 268 एकड़ भूमि पर 261 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल डिवाइसिंग पार्क की स्थापना का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा है। इससे लगभग तीन से पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा, 20 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर होने के साथ-साथ 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। प्रदेश सरकार ने नालागढ़ में 100 एकड़ भूमि पर प्लास्टिक पार्क स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, नालागढ़ में 400 एकड़ भूमि पर इलैक्ट्राॅनिक मैनुफैक्चरिंग हब और पावर इक्विपमेंट मैनुफैक्चरिंग हब का प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार की तलाश करने के बजाय रोजगार प्रदान करने योग्य बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना कार्यान्वित की गई है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट का आयोजन किया था जिसमें लगभग 96 हजार करोड़ रुपये के लगभग 700 से अधिक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए। इस मीट के एक माह के भीतर 13 हजार करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों का पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया। 10 हजार करोड़ रुपये के दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2006 में औद्योगिक क्षेत्र के समुचित विकास के लिए बद्दी-बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था। इस क्षेत्र में विभिन्न विकासात्मक कार्यांे पर लगभग 255 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई लेकिन इस क्षेत्र के विकास के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है। प्रदेश सरकार इस औद्योगिक क्षेत्र के समुचित विकास के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यहां मूलभूत सुविधाएं सृजित की जा सकें। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को और अधिक गति देने तथा मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक विस्तृत आधारभूत ढांचा विकास मास्टर प्लान तैयार किया जाना चाहिए जिसमें सड़कें, नालियां, गलियां, स्ट्रीट लाईट, पार्क, पानी एवं नागरिक सुविधाएं शामिल हों। इस क्षेत्र में यातायात व्यवस्था की सुगमता के लिए भारत सरकार के सड़क व परिवहन मंत्रालय द्वारा पिंजौर से नालागढ़ तक फोरलेन कार्य करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी इण्डिया इनोवेशन इंडेक्स-2020 जो राज्यों की अभिनव क्षमताओं को दर्शाता है, में हिमाचल प्रदेश को उत्तरी-पूर्व और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से हिमाचल प्रदेश में भी औद्योगीकरण की गति प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में हिमाचल तेजी से देश के औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। प्रदेश की कठिन स्थलाकृति के बावजूद उद्योगपतियों ने स्थिति का कुशलतापूर्वक सामना किया है। उन्होंने कहा कि एमओयू का दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी।

मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर प्रभावी तरीके से केाविड महामारी के प्रभाव से प्रदेश को बाहर ला रहे हैं। वह न केवल अधिकारियों बल्कि चिकित्सकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ व्यक्तिगत रूप से संपर्क बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री के प्रयासों के फलस्वरूप ही प्रदेश में सभी फोरलेन सड़क परियोजनाओं के कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की सुविधा के लिए राज्य में संपर्क सुविधा को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने उद्यमियों की कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश सरकार को सहयोग प्रदान करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने शिमला प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री के साथ बैठक में रेल परियोजनाओं के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। जगाधरी-पावंटा साहिब रेलवे लाइन के सर्वेक्षण के लिए घोषणा के अतिरिक्त वर्ष 2021-22 में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी और चण्डीगढ़-बद्दी रेलवे लाइनों के लिए बजट बढ़ाने की भी घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन के लिए बजट में 220 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर उद्यमियों को अपने उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों में परिवहन करने के लिए राहत प्राप्त होगी।

सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष निखिल साहनी ने वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया।

सीआईआई हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल शैलेश पाठक ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के विपरीत प्रभाव के बावजूद गत तीन वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने लघु और सूक्षम उद्योगों के लिए लैंड बैंक स्थापित करने के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में प्राकृतिक गैस पाइप लाइन सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

सीआईआई हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष शैलेश अग्रवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

शैलेश अग्रवाल और सुबोध गुप्ता को वर्ष 2021-22 के लिए सीआईआई हिमाचल प्रदेश राज्य परिषद् का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुना गया है। शैलेश अग्रवाल नालागढ़ स्थित जेबी कंडक्टर्स और केबल्ज के प्रबंध निदेशक हैं। वह कई वर्षो से सीआईआई के साथ जुड़े हुए हैं और सीआईआई हिमाचल पैनल आॅन-पावर में अपनी सेवाएं दी हैं।

हिमाचल प्रदेश रीयल इस्टेट रेग्युलेटरी आॅथोरिटी के अध्यक्ष डाॅ. श्रीकांत बाल्दी, उद्योग निदेशक हंसराज शर्मा व सीआईआई के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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