राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. डेजी ठाकुर ने कहा कि पूर्ण रूप से स्वस्थ युवा पीढ़ी ही देश व समाज की सकारात्मक उन्नति में योगदान दे सकती है। सभी को यह समझना होगा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए शिशु काल से ही उचित पोषण दिया जाना आवश्यक है। डाॅ. डेजी ठाकुर आज यहां महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय पोषण माह के समापन अवसर पर उपस्थित समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा सहायिकाओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रही थीं।
डाॅ. डेजी ठाकुर ने कहा कि सुपोषण प्रत्येक बच्चे की प्राथमिक जरूरत है तथा इस दिशा में परिवारों के साथ-साथ गर्भवती एवं धात्री महिलाआंे को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिशु, किशोरियों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए सुपोषण जरूरी है और उचित पोषण के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय एवं पहाड़ी संस्कृति में सामान्य रूप से उपलब्ध पोषक आहार की सभी को जानकारी है। यदि घरेलू स्तर पर उपलब्ध पोषक तत्वों को नियमित रूप से भोजन में सम्मिलत किया जाए तो पोषण सम्बन्धी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने राष्ट्रीय पोषण कार्यक्रम में सोलन जिला में बेहतरीन कार्य के लिए विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रही हिंसात्मक घटनाएं चिंतनीय है। महिलाओं के प्रति सम्मान व सोच बदलकर ही उन्हें प्रताड़ना से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा समय-समय पर विश्वविद्यालय, महाविद्यालय तथा विद्यालय स्तर पर महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा साइबर अपराध के बारे में महिलाओं को जागरूक करने के लिए शीघ्र ही प्रदेश में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने इस अवसर पर कहा कि ‘सही पोषण देश रोशन’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए शिशु के जन्म के आरम्भ के 1000 दिन महत्वपूर्ण हैं। शिशु के लिए माता का दूध सर्वोत्तम है। इससे शिशु का उचित मानसिक व शारीरिक विकास सुनिश्चित होता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में माताओं को समुचित जानकारी प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं से आग्रह किया कि वे ग्राम स्तर पर महिलाओं को उचित पोषण के विषय में जागरूक बनाएं और इस सम्बन्ध में उनकी भ्रांतियों को दूर करें।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय में प्रदेश सहित सोलन जिला में आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं ने न केवल एक्टिव केस फाइडिंग अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया अपितु इस बीमारी के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने के सम्बन्ध में सक्रिय भूमिका भी निभाई। उन्होंने आग्रह किया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं तथा आशा कार्यकर्ता इस दिशा में भविष्य में भी सजगता के साथ कार्य करें।
इस अवसर पर उपायुक्त ने पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने की भी शपथ दिलाई।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष एवं उपायुक्त सोलन ने इस अवसर पर पोषण अभियान से सम्बन्धित पत्रिका का विमोचन किया और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषाहार से सम्बन्धित प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। उन्होंने विभाग के उत्कृष्ट कर्मियों को सम्मानित भी किया।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. अरविंद गुप्ता ने जीवनशैली अनियमितता एवं पोषण के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। आहार विशेषज्ञ एवं पोषण परामर्शदाता डाॅ. प्रेरणा गुप्ता ने स्तनपान के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर धात्री महिला मोनिका तथा कल्पना की गोदभराई रस्म भी संपन्न करवाई गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेन्द्र तेगटा ने इस अवसर पर मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा विभाग से सम्बन्धित जानकारी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रस्तुत की।
बाल कल्याण परिषद सोलन की अध्यक्ष विजय लाम्बा, सीडीपीओ सोलन पदम देव शर्मा, सीडीपीओ कण्डाघाट पवन कुमार, सीडीपीओ अर्की विनोद कुमार, सीडीपीओ धर्मपुर वीना कश्यप, सीडीपीओ नालागढ़ कविता गौतम सहित विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं तथा धात्री महिलाएं इस अवसर पर उपस्थित थीं।