हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला द्वारा कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष 24 मई 2020 से साहित्य कला संवाद कार्यक्रम के प्रसारण की शुरुआत की गई। अकादमी का यह कार्यक्रम फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर रोजाना 7:00 बजे नियमित रूप से प्रसारित हो रहा है। साहित्य कला संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत अभी तक लगभग 500 कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें प्रदेश, देश और विदेश से साहित्यकारों, कलाकारों का भरपूर योगदान, समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा है।
कार्यक्रम की श्रंखला में कुछ ऐसे सहयोगी मिले जो बिना किसी स्वार्थ के निरन्तर अपना योगदान देकर कार्यक्रम को सफल बनाने में दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी मिले जो अपना कोई स्वार्थ लेकर शामिल हुए और कार्यक्रम मे कुछ अनुभव हासिल करके अपना अलग चैनल चलाकर व्यस्त हो गए। कुछेक साथियों ने मनमाफिक इस कार्यक्रम को चलाना चाहा, जो नहीं हो पाया तो अलग हो गए। कुछ एक को यह फॉर्मेट अच्छा नहीं लगा, तो दूरी बनाए रहे। कुछेक ने अपना सुनाया और दूसरों का सुनने के समय किनारा कर लिया परंतु फिर भी साहित्य कला संवाद का कारवां लगातार चलता रहा। इस उतार-चढ़ाव के बीच भी हजारों दर्शक और श्रोता साहित्य कला संवाद को अपना प्यार देते रहे। उन्हीं की बदौलत यह कार्यक्रम निरंतर आगे बढ़ता चला जा रहा है। एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है और यह कार्यक्रम निरन्तर हर रोज प्रसारित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के श्रोताओं दर्शकों की अपेक्षा और सुझावों के अनुसार कार्यक्रम में समय-समय पर बहुत सारे परिवर्तन भी होते रहे। जहां प्रदेश, देश, विदेश के नामी-गिरामी साहित्यकारों, कलाकारों ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर के अपने विचार सांझा किए और अपनी रचनाओं का पाठ किया, संवाद में भाग लिया उनके सकारात्मक सहयोग का यह कार्यक्रम सम्मान करता है। बच्चों, युवाओं, महिलाओं, समाजसेवियों ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में हमारा सहयोग दिया, साहित्य, कला, संस्कृति, पहाड़ी भाषा एवं साहित्य, मनोरंजन, गीत-संगीत, लोक साहित्य, सामाजिक सरोकारों पर केंद्रित परिसंवाद, कवि सम्मेलन और युवाओं के विभिन्न कार्यक्रम इस संवाद की यात्रा को शिखर की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध हुए। कुछ समय पहले वेद व्याख्यान, वैदिक और संस्कृत साहित्य पर केंद्रित व्याख्यानमाला का प्रारंभ किया गया।वर्तमान में पुराण कथा पर आधारित व्याख्यान की श्रृंखला चल रही है।
प्राचीन लिपियों, बाल रंगमंच और चित्रकला प्रशिक्षण के लिए भी इसी दौरान कार्यशाला का आयोजन किया गया। हिंदी सप्ताह, संस्कृत सप्ताह, स्मृति दिवस, अकादमी के विभिन्न साहित्यिक आयोजन और रंगमंच कार्यशालाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं इन सभी कार्यों के निष्पादन में अकादमी के सदस्य डॉ. ओम प्रकाश शर्मा , डॉ. इन्द्र सिंह ठाकुर, श्रीमती भारती कुठियाला, डॉ. नंदलाल ठाकुर, डॉ रीता सिंह का सहयोग और परामर्श हमारा संबल बना रहा। अधिकांश कार्यों के संयोजन में डॉ. कृष्ण मोहन पाण्डेय, दक्षा शर्मा, डॉ. चेतना, डॉ. ओम प्रकाश राही, अभिमन्यु वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान रहा। इन के सहयोग के बिना साहित्य संवाद की सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
साहित्य कला संवाद कार्यक्रम के सम्पादन में श्री हितेन्द्र शर्मा का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा, उन्होने लेखकों, साहित्यकारों के साथ सम्पर्क बनाते हुए उन्हें कार्यक्रम में शामिल करने, कार्यक्रम के पोस्टर निर्माण, लाइव कार्यक्रम का संचालन, नियंत्रण और प्रसारण करना। साहित्य कला संवाद कार्यक्रम की वीडियो को फेसबुक तथा यूट्यूब पर अपलोड करते हुए और हिमाचल अकादमी के लिए हार्ड डिस्क में कार्यक्रम सुरक्षित रखना, समय-समय पर कार्यक्रमों मे विशेष प्रस्तुतिकरण सहित परिचर्चा मे भाग लेते हुए सभी कार्यो के निर्वाह में रात दिन परिश्रम करते रहना उल्लेखनीय है जो इस कार्यक्रम की अभूतपूर्व सफलता का मूल आधार रहा है।
भविष्य में कार्यक्रम की रूपरेखा भी इन्हीं सब सहयोगियों के परामर्श से तैयार की जा रही है। इसी बीच कार्यक्रम के प्रचार प्रसार के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी भरपूर सहयोग मिलता रहा है।
सभी के सहयोग से हिमाचल अकादमी का फेसबुक पेज और दो यूट्यूब चैनल मोनोटाइज हो चुके हैं इसलिए इनका निरंतर संचालन अकादमी की एक नैतिक जिम्मेवारी बन गई है।
आगामी दिनों में भी अकादमी के कार्यक्रम ऑनलाइन इसी तरह आयोजित किए जाते रहेंगे और यह कार्यक्रम बाल, युवा, महिला, पुरस्कृत, सम्मानित सभी लेखकों कलाकारों के लिए समर्पित रहेगा। साहित्य कला संवाद के कार्यक्रमों की यात्रा को और अधिक सफल बनाने के लिए आप सभी के सहयोग की अपेक्षा रहेगी।