Fri. Mar 29th, 2024

अभिभावक संघ शिमला के द्वारा बार-बार निवेदन करने के बावजूद भी प्रदेश की लोकप्रिय सरकार के द्वारा 22 -07 -2021 को प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में निजी स्कूल फीस नियामक बिल को लाए जाने के लिए किसी तरह की ना तो चर्चा होने के साथ इस बिल को आगामी विधान सभा सत्र में पास करने सम्बंधित प्रस्ताव नहीं लाने से सम्बंधित खबर से प्रदेश की अभिभावक रूपी जनता के हाथों बजट सत्र के उपरांत मॉनसून सत्र में भी लगातार उसी क्रम में एक बार फिर निराशा और हताशा हाथ लग रही है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की समस्त अभिभावक रूपी आम जनता जिनके बच्चे निजी संस्थानों में पढ़ते हैं ठगा हुआ महसूस कर रही है। वैसे किसी भी लोकप्रिय सरकार को प्रदेश या देश की जनता के हितों और भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए और यदि ऐसी कोई संवेदनशील सरकार जनता के भावनाओं का ख्याल रखती है तो उसका वो नेतृत्व उपलब्धि के तौर पर लोकतान्त्रिक व्यवस्था के मतप्रणाली में श्रेय भी ले सकती है। वैसे बहुत सारे राज्य सरकारों ने जैसे कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली ने अपने राज्यों में इस वर्ष भी अभिभावकों को राहत देने के ठोस कदम उठाये हैं। परन्तु हमारे प्रदेश की सरकार ने इस पर अभिभावकों के अनवरत निवेदन पर संवेदनशीलता का कोई परिचय नहीं दिया है। आम जनता रूपी अभिभावक जानना चाहते हैं कि आखिर क्या वजह है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार बार-बार इस विधेयक या कानून लाने या बनाने में देरी कर रही है ?

अतः अभिभावक संघ शिमला कार्यकारिणी के सदस्य क्रमशः आचार्य सी एल शर्मा-सचिव, श्री हमिंदर धौटा- संयोजक, श्री हरी शंकर तिवारी-सलाहकार , डॉक्टर संजय-मुख्य संरक्षक, श्री कुलदीप सिंह सड्याल -कोषध्यक्ष, श्री पवन मेहता- मीडिया प्रभारी, जीतेन्द्र यादव-उपाध्यक्ष, श्रीमती कुसुम शर्मा ,श्रीमती रीता चौहान, श्रीमति प्रतिभा, श्री सुरेश वर्मा , श्री ज्ञान चन्द, श्री अम्बीर सिंह सहजेटा, श्रीमति प्रियंका तंवर, तारा चन्द थरमाणि-कुल्लू शाखा , श्रीमती हेमा राठौर, रमेश कुमार ठाकुर एवं कार्यकारिणी के अन्य सदस्य एक स्वर से प्रदेश सरकार विशेष तौर पर माननीय मुख्यमंत्री जी से वा माननीय शिक्षा मंत्री जी से इस सम्बन्ध में हस्तक्षेप करने और जल्द से जल्द इस कानून को आगामी मानसून सत्र में पास करने के लिए व पिछले साल की भांति इस साल भी अभिभावकों को फीस में अन्य प्रदेशों के तर्ज पर राहत देने का पुनः निवेदन करते हैं।