अभिभावक संघ शिमला अपने पिछले दो बर्ष से चले आ रहे निवेदन के क्रम में पुनः प्रदेश की सरकार से निवेदन करता है कि पिछले दो बर्षों से लंबित निजी स्कूल फीस नियामक कानून को वर्तमान बजट सत्र में पारित करके हिमाचल की अभिभावक रूपी जनता को तत्काल प्रभाव से राहत प्रदान करके सक्रिय एवं संवेदनशीलता शासन व्यवस्था का परिचय दें। यद्यपि प्रदेश के विभिन्न कोनों से अनवरत इस क़ानून को लागु करने की मांग गाहे बगाहे उठती ही आ रही है। इस मामले को अति सक्रियता से उठाने के लिए हमारे इस संघ के सदस्य विजेंद्र महरा जी के सञ्चालन में चलने वाले छात्र अभिभावक मंच के कार्यों का सराहना करते हैं। उनके द्वारा प्रदेश में इस निजी स्कूल फीस नियामक कानून को लागू करवाने के लिए हरेक लोकतान्त्रिक तरीके से प्रदेश सरकार को मनाने के लिए हमारा यह संगठन सैद्धांतिक तौर पर समर्थन करता है। हमारे संगठन के द्वारा बार -बार इस कानून को लागु करने के लिए किया गया उदारवादी व सहृदयतापूर्ण गुहार को प्रदेश सरकार के द्वारा नज़रअंदाज़ ही किया जाता रहा है। हमें ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत के सदस्य केवल धरने प्रदर्शन से ही किसी क़ानून को पास करते हैं। तभी तो दिसंबर माह में तपोवन धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ऐसे ही एक कानून को चंद मिनटों में पास किया गया था। जबकि निजी स्कूल फीस नियामक कानून पर प्रदेश में मार्च 2021 से सत्र दर सत्र पास करने की चर्चा चल रही थी। इस सम्बन्ध में अभिभावकों से सुझाव भी मांगे गए थे। हमारे इस संघ ने न केवल शिक्षा निदेशालय में जाकर सुझाव सौंपे बल्कि 06 जुलाई 2021 को प्रेस क्लब शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी अपनी बात इसी फीस नियामक कानून के सम्बन्ध में रखा था। परन्तु प्रदेश की अभिभावक रूपी जनता की निराशा का अंत नहीं अभी तक भी हो पाया है। अतः अभिभावक संघ शिमला कार्यकारिणी के सदस्य क्रमशः आचार्य सी एल शर्मा-सचिव, श्री हमिंदर धौटा- संयोजक , डॉक्टर संजय-मुख्य संरक्षक, श्री कुलदीप सिंह सड्याल -कोषध्यक्ष, श्री पवन मेहता- मीडिया प्रभारी, जीतेन्द्र यादव-उपाध्यक्ष, श्रीमती कुसुम शर्मा ,श्रीमती रीता चौहान, श्रीमति प्रतिभा, श्री सुरेश वर्मा , श्री ज्ञान चन्द, श्री अम्बीर सिंह सहजेटा, श्रीमति प्रियंका तंवर, तारा चन्द थरमाणि-कुल्लू शाखा , श्रीमती हेमा राठौर, श्रीमति शालू नेगी , श्री संजय ठाकुर, दिनेश शर्मा , प्रदीप गाँधी , रमेश कुमार ठाकुर एवं कार्यकारिणी के अन्य सदस्य एक स्वर से प्रदेश सरकार विशेष तौर पर माननीय मुख्यमंत्री जी से व माननीय शिक्षा मंत्री जी से इस सम्बन्ध में हस्तक्षेप करने और जल्द से जल्द इस कानून को वर्तमान विधान सभा सत्र में पास करने के लिए व अभिभावकों को अभी आरम्भ हुए वर्तमान शिक्षा सत्र में फीस वृद्धि से अन्य प्रदेशों के तर्ज पर राहत देने का पुनः निवेदन करते हैं।