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मंडी, 30 जून। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) अश्विनी कुमार ने मंडी जिले के सभी एसडीएम को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि नदी-खड्डों के किनारे अवैध डंपिंग ना हो। उपमंडल स्तर पर सभी एसडीएम डंपिंग साइट चिन्हित करें और लोगों को मिट्टी, मलबा इत्यादि चिन्हित डंपिंग साइट पर फेंकने की जानकारी देने को व्यापक प्रचार किया जाए। सरकारी विभाग भी चिन्हित स्थलों पर ही डंपिंग करें। वे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों की अनुपालना में गठित जिला स्तरीय समिति की मंडी में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।  हि.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बिलासपुर के पर्यावरण अभियन्ता एवं नोडल अधिकारी अतुल परमार ने मदवार एजैंडा प्रस्तुत किया ।
मंडी जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक पूर्णतः प्रतिबंधित
अश्विनी कुमार ने कहा कि मंडी जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। कोई भी दुकानदार, विक्रेता, थोक व्यापारी, खुदरा विक्रेता, फेरीवाले, रेहड़ी वाले सहित कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के एक बार उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक (सिंगल यूज प्लास्टिक) के सामान को न बेच सकेंगे न ही उपयोग करेंगे।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशानुसार एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को पहली जुलाई 2022 से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा। इनमें प्लास्टिक की छडि़यों के साथ कान की कलियॉं, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडीस्टिक, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टायरीन (थर्मोकोल), भोजन परोसने की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, टेª, मिठाई के बक्से के आसपास फिल्मों को लपेटना या पैक करना, आमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम स्टीरर शामिल हैं।
बैठक में एसडीएम  थुनाग पारस अग्रवाल, एसडीएम पधर संजीत सिंह, एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अतुल परमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।